पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या का मामला अब गरमाता जा रहा है. इस घटना से जूनियर डॉक्टरों में उबाल है और वो लगातार हड़ताल पर हैं. इसकी वजह से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से उतर गई है. वहीं इन जूनियर डॉक्टरों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जबरदस्त हंगामा किया. प्रदर्शनकारी, बैरिकेड तोड़कर अस्पताल के अंदर घुस गए. उनका आरोप है कि घटनास्थल के अंदर सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है.
वहीं फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने 13 अगस्त से देशव्यापी विरोध और ओपीडी और वैकल्पिक सेवाओं को बंद करने रखने की बात कही है. जिसकी वजह से देशभर के सरकारी अस्पतालों में लोगों को इलाज ना होने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ा.
कोलकाता हाईकोर्ट ने भी इस मामले की सुनवाई करते हुए जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानि सीबीआई को सौंप दी है. कोर्ट ने राज्य पुलिस को आदेश दिया है कि मामले से जुड़े सीसीटीवी फुटेज और बयानों के दस्तावेज बुधवार सुबह 10 बजे तक सीबीआई को सौंप दिया जाएं. साथ ही अदालत ने आंदोलन कर रहे डॉक्टरों से भी काम पर वापस लौटने का आग्रह किया.
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए वकील मामले पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में 1 शख्स को गिरफ्तार किया गया है वहीं 25 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. अदालत ने कहा कि पांच दिन बीत जाने के बाद भी जांच में कोई खास प्रगति नहीं हुई है. पीठ ने कहा, मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई. उनको लंबी छुट्टी पर जाने को कहा गया.
बता दें ट्रेनी डॉक्टर की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट उसके परिजनों को सौंप दी गई है. इस रिपोर्ट में मौत से पहले युवती के साथ रेप करने की बात सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी ने पहले ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप किया और फिर गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया. आरोपी ने कंफर्म करने के लिए दो बार युवती का गला घोंटा था.
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