भारत में आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है. वहीं पडोसी देश अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के 3 साल भी आज पूरे हो गए हैं. 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में घुसकर वहां के राष्ट्रपति आवास पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद वहां के राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा था. 3 साल से अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबानियों का ही राज है.
अफगानिस्तान की सत्ता हाथ में आने के बाद तालिबानियों ने आवाम से कई वादे किए थे. साथ ही कहा था कि उनका इसबार शासन पहले से काफी अलग होगा लेकिन 3 साल सत्ता भोगने के बाद उनके ये दावे खोखले साबित हुए. अफगानिस्तान में तालिबान वही कर रहा है जो वो पहले करता था. लेकिन दुनिया के सामने सुंदर और बदलते हुए अफगानिस्तान की छवि पेश कर रहा है.
तालिबान के 3 साल के राज में अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है. वहां की आवाम गरीबी से जूझ रही है लेकिन तालिबान को इससे फर्क नहीं पड़ता है. वो देश में वही कर रहा है जो 90 के दशक में किया करता था. महिलाओं और बच्चियों की शिक्षा पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. बता दें इस समय अफगानिस्तान में 12 साल के ज्यादा की बच्चियों को पढ़ने का अधिकार नहीं दिया गया है. तालिबानी सरकार ने 14 लाख छात्राओं को माध्यमिक शिक्षा से वंचित कर दिया है. जिससे एक पूरी पीढ़ी के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. इतना ही नहीं 21वीं सदी में तालिबान के राज में कोड़े और पत्थर से मारने की सजा मिल रही है.
तालिबानियों के राज में शिक्षा क्षेत्र पर जमकर प्रहार किया गया है. लड़कियों के साथ लड़कों का पढ़ना भी दुष्वार किया हुआ है. 2019 में 6.8 मिलियन स्टूडेंट प्राइमरी स्कूलों में पढ़ते थे. लेकिन 2022 में ये संख्या महज 5.7 मिलियन रह गई. इसका कारण महिला शिक्षकों को लड़कों को पढ़ाने से प्रतिबंधित करना और माता-पिता को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहन की कमी है. उच्च शिक्षा की बात करें तो यूएन की रिपोर्ट बताती है कि विश्वविद्यालय के छात्रों की संख्या में 53 प्रतिशत की कमी आई है.
यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अज़ोले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगान लड़कियों और महिलाओं के लिए स्कूलों और विश्वविद्यालयों को बिना शर्त फिर से खोलने के लिए, प्रतिबद्ध रहने का अनुरोध किया है.
ये भी पढ़ें- भारतीय जहाज ‘तबर’ ने स्वीडन के गोथेनबर्ग में मनाया 78वां स्वतंत्रता दिवस
ये भी पढ़ें- सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस ने भारत में फिर शुरू किया कामकाज
कमेंट