नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय में लेटरल एंट्री के खिलाफ खुलकर सरकार की आलोचना कर रही है. इसी क्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी फैसले को एससी, एसटी और ओबीसी के खिलाफ बताया है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि वह हमेशा कहते रहे हैं कि देश की शीर्ष ब्यूरोक्रेसी वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं करती है. केंद्र सरकार इसमें सुधार लाने की जगह लेटरल एंट्री कर उन्हें शीर्ष पदों से और दूर करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि यह यूपीएससी की तैयारी करने वाले प्रतिभाशाली युवाओं के हक पर डाका और सामाजिक न्याय पर चोट है. उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन इसका विरोध करेगा.
नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं।
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।
मैंने हमेशा…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 18, 2024
UPSC में लेटरल स्कीम क्या है?
यूपीएससी ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया, जिनमें 10 संयुक्त सचिव और 35 निदेशक/उप सचिव के पद शामिल हैं. इन पदों को अनुबंध के आधार पर ‘लेटरल एंट्री’ के माध्यम से भरा जाना है. दरअसल, 2018 में शुरू हुई यूपीएससी की लेटरल स्कीम के तहत संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती की जाती है. इस स्कीम में वो कारपोरेट कर्मचारी अप्लाई कर सकते हैं जिनके पास यूजी की डिग्री हो और उन्होंने संबंधित पद और सेक्टर में कम से कम 15 साल काम किया हो. इस स्कीम में आवेदन करने के बाद लोगों का चयन उनके अनुभव के आधार पर किया जाता है और फिर उनका इंटरव्यू लिया जाता है, जिसके बाद इंटरव्यू पास करने वाले छात्रों की नियुक्ति की जाती है.
हिन्दुस्थान समाचार
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