कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना के बाद पूरे देश में उबाल है. पूरे देश में उस बेटी को न्याय दिलाने और महिला सुरक्षा पर सख्त कानून के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं. पश्चिम बंगाल से लेकर दिल्ली तक डॉक्टर्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं. जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. सीबीआई ने कई लोगों से पूछताछ की है और अभी मामले के कई असुलझे पहलुओं को सुलझाने में लगी है. आरोपी संजय रॉय का पोलीग्रॉफ टेस्ट कराया जाएगा. 11 दिनों से जारी हंगामे के बीच राज्य की ममता सरकार अब घिर चुकी है. विपक्षी दलों के साथ उनके पार्टी के ही कई नेता सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. इंडिया गठबंधन में उनकी साथी कांग्रेस भी आरोपियों को बचाने के लिए राजनीतिक पनाह देने का आरोप लगा चुकी है. ममता बनर्जी पर चौतरफा हमले हो रहे हैं.
दरअसल, 31 पहले पहले रेप कांड पर वामपंथियों की कुर्सी हिलाने वाली ममता बनर्जी अब बालात्कार केस में घिरतीं नजर आ रही हैं. बता दें साल 1993 के दौर में पश्चिम बंगाल में ज्योति बसु के नेतृत्व में ज्योति बसु की सरकार थई. उस समय नदिया जिले में एक दिव्यांग से बलात्कार की घटना हुई थी. जिसके बाद ज्योति बसु की सरकार पर हर तरफ से हमले हो रहे थे. इसी समय ममता बनर्जी सीएम ज्योति बसु से मिलने राइटर्स बिल्डिंग ( पश्चिम बंगाल सरकार का सचिवालय) पहुंच गई और ज्योति बसु से मुलाकात करने के लिए उनके चेंबर के बाहर धरने पर बैठ गईं. ममता ने वामपंथ सरकार पर आरोप लगाया था कि राजनीतिक संबंधों की वजह से ही दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है. वही आरोप आज विपक्षी दल ममता बनर्जी पर लगा रहे हैं.
उस दिन ममता की सीएम बसु से मुलाकात नहीं हो सकी है. ममता को वहां से जाने के लिए कहा गया लेकिन वो अपनी जगह से टस से मस नहीं हुईं. इसके बाद उनको और पीड़िता को महिला पुलिसकर्मियों ने घसीटते हुए सीढ़ियों से नीचे उतारा और पुलिस मुख्यालय लालबाजार ले गए. इस दौरान ममता के कपड़े तक फट गए थे.
बता दें इसी घटना के बाद ममता बनर्जी ने कसम खाई थी कि अब वो मुख्यमंत्री बनकर ही इस इमारत में दोबारा कदम रखेंगी और 20 मई 2011 को करीब 18 साल बाद ममता बनर्जी ने बतौर मुख्यमंत्री लाल इमारत पहुंची. ममता ने इन 18 सालों में वामपंथ सरकार के खिलाफ इतने धरने किए जिसने वामपंथ सरकार की नींव हिलाकर रख दी.
वहीं ममता बनर्जी अपनी सरकार के दौरान हुए आरजी मेडिकल कॉलेज रेप-मर्जर केस में घिरीं नजर आ रही हैं. ये पहला बलात्कार का मामला नहीं इससे पहले भी ममता सरकार में कई रेप केस हो चुके हैं. हंसखाली मामला तो आपको याद होगा. जब ममता ने रेप की घटना को अफेयर कहकर खारिज कर दिया था. ऐसे ही कामुदनी में हुए बलात्कार मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों को उन्होंने माकपा समर्थक बताया था. बता दें ममता बनर्जी ने सरकार के दौरान बलात्कार के कई मामलों को झूठा बताया है. वो उल्टा विपक्षी दलों पर आरोप लगा देती है.
ये भी पढ़ें- BJP का ममता पर कड़ा प्रहार, R G kar Hospital रेप मामले की जांच को लेकर लगाए ये बड़े आरोप
ये भी पढ़ें- संघ के वरिष्ठ प्रचारक बालकृष्ण त्रिपाठी का निधन
कमेंट