प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गायों के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया. आरोपी हरिकिशन को इस अप्राकृतिक कृत्य में जून 2023 में आईपीसी की धारा 377 के तहत एफआईआर दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया.
दर्ज प्राथमिकी में आरोप है कि उसे गायों के साथ अप्राकृतिक कृत्य करते देखा गया था. याची ने हाई कोर्ट के समक्ष दूसरी जमानत याचिका दायर की. इसमें उनके वकील ने तर्क दिया कि वह निर्दोष हैं और उन्हें इस अपराध में झूठा फंसाया गया है.
याची के वकील का यह भी तर्क था कि सूचना देने वाले ने अपने समर्थक के साथ मिलीभगत करके वर्तमान ग्राम प्रधान को हराने और अपरोक्ष रूप से ग्राम प्रधान को निशाना बनाने के लिए आवेदक के खिलाफ दो दिन की देरी से एफआईआर दर्ज कराई. क्योंकि आवेदक वर्तमान ग्राम प्रधान के परिवार से सम्बंधित है. आगे यह भी कहा गया कि जब पहली जमानत पर सुनवाई हुई थी तब किसी गवाह से पूछताछ नहीं की गई थी. कहा गया कि अब चार गवाहों से पूछताछ की गई है लेकिन उनमें से किसी ने भी अभियोजन पक्ष की कहानी का समर्थन नहीं किया है. इसलिए उन्हें पक्षद्रोही घोषित कर दिया गया.
यह भी तर्क दिया गया कि घटना का वीडियो बनाने वाले का नाम और वह मोबाइल नंबर जिसके माध्यम से वीडियो वायरल हुआ, उसका खुलासा न तो एफआईआर में किया गया और न ही किसी गवाह के बयान में. इसे देखते हुए कोर्ट से यह प्रार्थना की गई कि आरोपी याची को जमानत पर रिहा किया जाए.
दूसरी ओर राज्य की ओर से उपस्थित एजीए ने जमानत दिए जाने की प्रार्थना का विरोध किया तथा कहा कि आवेदक ने गौशाला में गायों के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया है, जिसकी पुष्टि वीडियो फुटेज से होती है.
इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए तथा कोर्ट में दाखिल पत्रजातो को देखने के बाद न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने कहा कि आवेदक ने गौशाला में गायों के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया था, जिसकी पुष्टि वीडियो फुटेज और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी की मेडिकल रिपोर्ट से हुई है. विशेष रूप से, न्यायालय ने यह भी माना कि आवेदक के वकील ने तत्काल जमानत आवेदन में कोई नया आधार नहीं लिया था. इसलिए, मामले के गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना न्यायालय ने आरोपी आवेदक को जमानत देने से इनकार कर दिया.
हिन्दुस्थान समाचार
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