नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी यात्रा के दूसरे दिन वाशिंगटन डीसी के पेंटागन में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की. उन्होंने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, औद्योगिक सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक चर्चा की. उन्होंने भारत-अमेरिका रक्षा औद्योगिक सहयोग रोड मैप पर भी प्रकाश डाला.
दोनों रक्षा मंत्रियों ने भारत और अमेरिका के बीच आपूर्ति सुरक्षा समझौता (एसओएसए) होने पर खुशी जताई. राजनाथ सिंह की यात्रा के पहले दिन वाशिंगटन डीसी में हुए एसओएसए समझौते के बारे में कहा गया कि यह दोनों देशों के रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्रों को एक साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने संपर्क अधिकारियों की तैनाती के संबंध में भारत और अमेरिका के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर का भी स्वागत किया. भारत इस समझौते के तहत फ्लोरिडा में मुख्यालय विशेष संचालन कमान में पहला संपर्क अधिकारी तैनात करेगा.
दोनों मंत्रियों ने इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस को क्रियान्वित करने में हुई प्रगति को भी सराहा. अमेरिकी समकक्ष ने हिंद महासागर क्षेत्र में क्वाड भागीदारों के लिए मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस बढ़ाने के लिए भारत के प्रयासों की सराहना की. उन्होंने संयुक्त समुद्री बलों (सीएमएफ) में चल रही भारतीय भागीदारी का स्वागत किया और कहा कि भारत 2025 में सीएमएफ के संयुक्त टास्क फोर्स 150 मुख्यालय में भारतीय नौसेना कर्मियों को तैनात करेगा.
अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने दोनों देशों के बीच रक्षा स्टार्ट-अप, उद्योग, शिक्षा और सरकारों के बीच मजबूत नेटवर्क स्थापित करने, अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने में तेजी लाने और दोनों पक्षों की युद्ध-लड़ने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सराहना की. पेंटागन में बैठक से पहले राजनाथ सिंह ने अर्लिंग्टन नेशनल सेमेट्री में पुष्पांजलि अर्पित की. भारतीय रक्षा मंत्री और अमेरिकी रक्षा मंत्री ने अगले भारत-अमेरिका 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय संवाद में फिर से मिलने की उम्मीद जताई.
हिन्दुस्थान समाचार
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