नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इसमें राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत 12 नई परियोजना प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है. इसके तहत देश में 12 औद्योगिक स्मार्ट शहर बनाए जाएंगे. इस योजना पर 28,602 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है. इस योजना से 10 लाख रोजगार परोक्ष रूप से और 30 लाख रोजगार अपरोक्ष रूप से सृजित होंगे.
#WATCH | After the cabinet meeting, Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "…Cabinet today approved 12 Industrial Smart Cities under National Industrial Corridor Development Programme. The government will invest Rs 28,602 crore for this project…" pic.twitter.com/KxNYqNZ5dT
— ANI (@ANI) August 28, 2024
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेसवार्ता में बताया कि कैबिनेट में इसके अलावा कई और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. इसमें 234 नए शहरों में निजी एफएम रेडियो शुरू करने को मंजूरी दी गई. साथ ही रेल मंत्रालय की तीन परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई, जिनकी कुल अनुमानित लागत लगभग रु. 6,456 करोड़ है. ‘कृषि अवसंरचना निधि’ (एआईएफ) के तहत वित्त पोषण सुविधा की केन्द्रीय क्षेत्र योजना में विस्तार को मंजूरी दे दी गई है. एआईएफ की केंद्रीय क्षेत्र योजना के विस्तार को मंजूरी का उद्देश्य इसे अधिक आकर्षक, प्रभावशाली और समावेशी बनाना है.
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 10 राज्यों में फैली और 6 प्रमुख गलियारों के साथ रणनीतिक रूप से योजनाबद्ध, ये परियोजनाएं भारत की विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक विकास को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण छलांग का प्रतिनिधित्व करती हैं. ये औद्योगिक क्षेत्र उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओरवाकल और कोप्पर्थी, राजस्थान के जोधपुर-पाली में स्थित होंगे.
भारतीय रेलवे की दो नई लाइनों और एक मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना को मंजूरी दे दी गई. इसकी अनुमानित लागत 6,456 करोड़ रुपये है. ओडिशा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के सात जिलों को कवर करने वाली ये तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 300 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी. ये परियोजनाएं कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी, यात्रा को आसान बनाएंगी, लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेंगी, तेल आयात को कम करेंगी और कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेंगी.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि नई लाइन के प्रस्ताव से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी और गतिशीलता में सुधार होगा, जिससे भारतीय रेलवे के लिए दक्षता और सेवा विश्वसनीयता बढ़ेगी. मल्टी-ट्रैकिंग प्रस्ताव परिचालन को आसान बनाएगा और भीड़भाड़ को कम करेगा, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों पर बहुत जरूरी बुनियादी ढांचागत विकास होगा.
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हो पाई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी.
मंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं के साथ 14 नए स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे दो आकांक्षी जिलों (नुआपाड़ा और पूर्वी सिंहभूम) में कनेक्टिविटी बढ़ेगी. नई लाइन परियोजनाओं से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 11 लाख आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 1,300 गांवों और लगभग 19 लाख आबादी को कनेक्टिविटी मिलेगी.
हिन्दुस्थान समाचार
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