Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल ही में उनकी तरफ से असम में चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. सीएम हिमंता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि राज्य में 1.20 लाख लोगों की पहचान संदिग्ध मतदाताओं के तौर पर की गई है. वहीं इनमें से 41,583 को विदेशी हैं.
बता दें कि सीएम सरमा ने विपक्षी नेता सैकिया के एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए विधानसभा ने बताया था कि वहा 1,12,570 लोग संदिग्ध मतदाता के तौर पर पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि फिलहाल निपटाए गए केसों में से 76,233 को भारतीय घोषित किया गया है, वहीं इस बीच 41,583 की पहचान विदेशी के रूप में की गई है. गृह विभाग की तरफ से उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद हिरासत शिविरों से 795 लोगों को जमानत पर बाहर कर दिया गया है.
विदेशी घोषित होने वालों को वेरिफाई कर रही हैं सरकार
सीएम सरमा की तरफ से कहा गया कि संबंधित देश उन घोषित विदेशियों की राष्ट्रीयता को वेरिफाई कर रहा है. इस मामले में उनके देश द्वारा यात्रा परमिट जारी किए जाने के बाद उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा. यहां बता दें असम में संदिग्ध मतदाताओं की अवधारणा 1997 में निर्वाचन आयोग द्वारा शुरू की गई थी. उस वक्त उन्होंने उन लोगों की एक सूची तैयार की थी जो अपनी भारतीय राष्ट्रीयता को साबित नहीं कर सके थे.
सीएम ने कहा कि केंद्र ने यूआईडीएआई को आधार कार्ड जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. यह बात अब स्पष्ट हो चुकी है कि एनआरसी में नाम शामिल होने और पंजीकरण के बीच सीधा लिंक नहीं हैं. वहीं सीएम की तरफ से बताया गयी कि अभी तक प्रदेश में राज्य सरकार की तरफ से समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए भी को ठोस कदम नहीं लिया गया है.
असम पर मुस्लिमों का कब्जा नहीं होने देंगे- सीएम हिमंता
बीते दिन मुख्यमंत्री हिमंता सरमा की तरफ से कहा गया था कि हम मिया मुसलमानों को असम पर कब्जा नहीं करने देंगे. मुस्लिम बहुल इलाकों से हिंदुओं के पलायन की घटनाएं लगातार सामने आ रही है. बता दें कि मिया को असम में मूल रूप से बंगाली मुसलमानों के लिए प्रयोग किया जाता है जोकि वहां से भारत आ गए हैं.
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