नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर लगी रोक को 5 सितंबर तक बढ़ा दी है. गुरुवार को जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने यह आदेश दिया है.
सुनवाई के दौरान आज पूजा खेडकर की ओर से पेश वकील ने कहा कि यूपीएससी एक बार नियुक्त करने के बाद किसी को हटा नहीं सकती है. हटाने का अधिकार केंद्र सरकार के कार्मिक विभाग को है. उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि पूजा खेडकर ने अपने सरनेम में कभी कोई बदलाव किया. पूजा खेडकर ने 2012 से लेकर 2022 तक अपने नेम और सरनेम में कोई बदलाव या कोई धोखाधड़ी नहीं की है. उनकी जन्म तिथि, आधार कार्ड और एकेडमिक सर्टिफिकेट में कभी कोई बदलाव नहीं किया गया.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ धोखाधड़ी से जुड़े गंभीर आरोप हैं. यह मामला सिविल सेवाओं में आरक्षित श्रेणियों के दुरुपयोग से जुड़ा है. इस मामले की वजह से सार्वजनिक विश्वास पर व्यापक असर पड़ा है और यह सीधे तौर पर पूरी परीक्षा के साथ चयन प्रक्रिया की निष्पक्षता व अखंडता को प्रभावित करता है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि उसके पास साक्ष्य के तौर पर ईमेल, चैट और दूसरे फिजिकल रिकॉर्ड हैं जो अभी तक अधिकारियों को प्रस्तुत नहीं किए गए हैं. दिल्ली पुलिस का कहना है कि अगर जांच के प्रारंभिक चरण में आरोपित को सुरक्षा दी गई तो याचिकाकर्ता इन्हें बदल या नष्ट कर सकता है. क्योंकि याचिकाकर्ता के सूचना में हेरफेर करने के कथित इतिहास भी हैं. मामले की जांच चल रही है जिसमें पूछताछ करना भी शामिल है. इसमें विकलांगता प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की पुष्टि करना, शैक्षणिक या चिकित्सा संस्थानों जैसे अन्य संस्थानों के दावों की जांच करना शामिल है.
21 अगस्त को हाई कोर्ट ने पूजा खेडकर को मिली राहत को 29 अगस्त तक बढ़ा दिया था. 12 अगस्त को हाई कोर्ट ने पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दिया था. पूजा खेडकर ने पटियाला हाउस कोर्ट की ओर से अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने एक अगस्त को पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
खेडकर प्रोबेशन के दौरान अवैध मांग करने को लेकर विवादों में घिर गई थीं. कलेक्टर सुहास दिवासे ने खेडकर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. विवाद बढ़ने के बाद पूजा खेडकर पर महाराष्ट्र सरकार ने कार्रवाई करते हुए उनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी और पूजा खेडकर को फील्ड पोस्टिंग से हटाकर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में रिपोर्ट करने का आदेश दिया गया लेकिन वो तय समय पर एलबीएसएनएए नहीं पहुंचीं. 18 जुलाई को पुलिस ने पूजा खेडकर की मां को गिरफ्तार किया था. पूजा खेडकर की मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुलशी में कुछ किसानों को उनकी जमीन हड़पने के लिए पिस्तौल से धमकाती नजर आ रही थीं. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है.
उल्लेखनीय है कि पूजा खेडकर को यूपीएससी ने बर्खास्त भी कर दिया है. बर्खास्तगी को पूजा खेडकर ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है और कहा कि उन्हें इसकी सूचना प्रेस रिलीज के जरिये मिली थी. उसके बाद यूपीएससी ने पूजा खेडकर की बर्खास्तगी के आदेश की प्रति ई-मेल और उनके पते पर भेजने को कहा था.
हिन्दुस्थान समाचार
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