नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नक्सली भर्ती के एक मामले में शुक्रवार को चार राज्यों दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उप्र में छापेमारी की है. एनआईए ने आज जारी एक बयान में कहा है कि यह छापेमारी शुक्रवार को भी जारी है.
एनआईए के मुताबिक जांच से पता चला है कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंग को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से कैडरों को प्रेरित करने और भर्ती करने के साथ-साथ नक्सल विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया है. आरोपितों ने इस एजेंडे के लिए आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रची. पिछले साल छह सितंबर को एनआईए ने नक्सली नेताओं और भाकपा (माओवादी) के कैडरों द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों पर भी कार्रवाई की थी.
एनआईए ने उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आजमगढ़ जिलों में आठ स्थानों पर आरोपितों और संदिग्धों के परिसरों में छापेमारी के दौरान इलेक्ट्रानिक डिवाइस व आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं. इनमें मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल उपकरण, सिम कार्ड, नक्सली साहित्य, किताबें, पर्चे, पॉकेट डायरी, मनी रसीद बुक और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज शामिल हैं.
उस समय एनआईए की जांच ने संकेत दिया था कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंग को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने के साथ-साथ कैडरों को प्रेरित करने और भर्ती करने का काम सौंपा गया था. आरोपित इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. जांच में यह भी पता चला है कि प्रमोद मिश्रा आतंकी संगठन को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में सीपीआई (माओवादी) के कैडर, सहानुभूति रखने वालों और ओजीडब्ल्यू का नेतृत्व कर रहे थे.
इससे पहले अगस्त 2023 में बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था, जिसकी पत्नी का नाम मामले से संबंधित एफआईआर में है. रोहित से पूछताछ के बाद राज्य पुलिस ने सीसी सदस्य और भाकपा (माओवादी) के उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो (एनआरबी) के प्रभारी प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया.
इन गिरफ्तारियों के बाद राज्य पुलिस ने हथियार, गोला-बारूद और बंदूक की एक फैक्टरी जब्त की. जहां हथियारों के हिस्सों के निर्माण और देशी आग्नेयास्त्रों को इकट्ठा करने के लिए एक खराद मशीन लगाई गई थी.
इस मामले में एनआईए द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी मनीष आजाद और रितेश विद्यार्थी के साथ उनके सहयोगियों विश्वविजय का नाम है. विश्वविजय की पत्नी सीमा आजाद, मनीष आजाद की पत्नी अमिता शिरीन, कृपा शंकर, रितेश विद्यार्थी की पत्नी सोनी आजाद, आकांक्षा आजाद और राजेश आजाद सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए काम करने वाले प्रमुख व्यक्तियों के रूप में हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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