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झारखंड में डेमोग्राफी चेंज का भयावह खेल… बांग्लादेशी घुसपैठ महज संयोग या राजनीतिक प्रयोग?  

पहले जिन क्षेत्रों में आदिवासी जनजातियों की बहुलता थी, आज वहां बांग्लादेशी घुसपैठियों का कब्जा हो गया है. ये लोग बच्चे समेत जमीन पर अप्रत्यक्ष रूप से कब्जा कर लेते हैं. जिसके बाद ये वहां के संसाधनों पर धीरे-धीरे पकड़ मजबूत करते हैं.

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
Aug 31, 2024, 12:25 pm IST
झारखंड में डेमोग्राफी चेंज का भयावह खेल जारी

झारखंड में डेमोग्राफी चेंज का भयावह खेल जारी

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खनिज संपदा से संपन्न राज्य झारखंड में अब धीरे- धीरे डेमोग्राफी चेंज होने लगी है. संथाल परगना के गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, दुमका जिलों में घुसपैठियों द्वारा डेमोग्राफी परिवर्तन का भयावह खेल चल रहा है. बताया जा रहा है कि बांग्लादेश के बैन किए गए संगठन, संथाल परगना के कई इलाकों में लव जिहाद और लैंड जिहाद के तहत स्थानीय जनजातीय लड़कियों को फंसाकर उनसे शादी कर रहे हैं, ये सब बड़े पैमाने पर हो रहा है और काफी अर्से से हो रहा है. इन आदिवासी महिलाओं का धर्म परिवर्तन कराया जाता है. उनकी जमीनों को अपने नाम पर ट्रांसफर किया जाता है. पहले जिन क्षेत्रों में आदिवासी जनजातियों की बहुलता थी, आज वहां बांग्लादेशी घुसपैठियों का कब्जा हो गया है. ये लोग बच्चे समेत जमीन पर अप्रत्यक्ष रूप से कब्जा कर लेते हैं. जिसके बाद ये वहां के संसाधनों पर धीरे-धीरे पकड़ मजबूत करते हैं.

स्थित बेहद चिंताजनक है. लेकिन सरकारें इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है. घुसपैठियों को रोकने के लिए किसी भी तरह की दिलचस्पी सरकारें नहीं दिखा रही है.

बता दें संथाल परगना क्षेत्र की डेमोग्राफी में अप्रत्याशित बदलाव आए हैं. डेमोग्राफी का ये परिवर्तन लोकतंत्र के लिए खतरा है. जो सबके लिए चिंता का विषय भी है. इस परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर वहां के आदिवासी समुदाय को हुआ है. आदिवासी संगठनों से जुड़े लोगों का भी कहना है कि घुसपैठियों की वजह से आज आदिवासी समाज की संस्कृति और विरासत खत्म होती जा रही है.

झारखंड हाई कोर्ट ने भी एक याचिका पर सुनवाई की थी और टिप्पणी करते हुए कहा था कि झारखंड का निर्माण वनवासियों के संरक्षण और उनके विकास के लिए किया गया था. लेकिन, ऐसा लगता है कि केंद्र और राज्य सरकार बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए किसी भी तरह की दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं.

अगर हम आंकड़ों पर गौर करें तो साल 1951 में संथाल परगना क्षेत्र में जनजातीय जनसंख्या 44.67% से घटकर साल 2011 में 28.11% हो गयी है. इसकी तुलना में साल 1951 में कुल मुस्लिम जनसंख्या 9.44% से बढ़कर साल 2011 में 22.73% हो गई है. पिछले 60 वर्षों में करीब 16.56 प्रतिशत जनजातीय संख्या घटी है. आज की हालत ये हैं कि आने वाले समय में इस क्षेत्र से आदिवासी समुदाय का अस्तित्व मिट जाएगा. अगर बांग्लादेशी घुसपैठ और अवैध इमिग्रेशन पर लगाम नहीं लगाया गया तो स्थिति आउट ऑफ कंट्रोल होना तय है.

गोड्डा से बीजेपी सांसाद निशीकांत दुबे ने भी संसद के बजट सत्र में इस बात को जोर शोर से उठाया था और कहा था कि झारखंड में 25 विधानसभाओं में 123 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या बढ़ गई है,  वहीं संथाल परगना में जनजातीय जनसंख्या बहुत तेजी से घटी है. उन्होंने बताया था कि संथाल परगना में हिंदुओं के गांव खाली हो रहे हैं, यहां एनआरसी लगाना जरूरी हैं.

वहीं अब झारखंड में विधानसभा चुनाव होना है तो ये मुद्दा और ज्यादा मुखर होकर सामने आया है. बीजेपी इसे लेकर हेमंत सरकार पर हमलावर है. पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया. उन्होंने सवाल उठाया कि कई विधानसभा क्षेत्रों में 123 फीसदी तक वोटर लिस्ट में वोटर कैसे बढ़े और इसकी जांच की मांग की.

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा का भी बयान सामने आ चुका है. आशा लकड़ा ने भी डेमोग्राफी चेंज होने पर चिंता जताई. आशा लकड़ा ने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संथाल जिलों का भ्रमण कर वहां की स्थिति का आकलन किया है और रिपोर्ट तैयार की है. अब ये रिपोर्ट आयोग को सौंपी जाएगी. उन्होंने बताया कि आदिवासियों की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा किया जा रहा है. इसके साथ ही भूदान के नाम पर डेमोग्राफी चेंज का खेल जारी है. उन्होंने कहा कि इन जिलों में कार्यरत अधिकारी मौन हैं. ऐसे गंभीर मुद्दों पर उनकी भी सहभागिता सामने आ रही है. वहीं उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से कार्रवाई करने की मांग की.

अब इन गंभीर मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर सरकारों को काम करने की जरूरत है. केंद्र और राज्य सरकार को इस संवेदनशील मुद्दे पर समन्वय के साथ चुनौती के रूप में लेना होगा. साथ ही बांग्लादेशी घुसपैठ पर रोक लगाने और घुसपैठ कर झारखंड में अवैध बसे लोगों को कड़ा एक्शन लेना चाहिए.

ये भी पढ़ें- गुजरात में ‘असना’ चक्रवात का खतरा टला, बारिश का सिलसिला जारी, 17 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट

ये भी पढ़ें- विश्व एथलेटिक्स अंडर-20 चैंपियनशिप: आरती ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ 10 हजार मीटर रेस वॉक में जीता कांस्य

Tags: Jharkhand High CourtDemography ChangeSanthal ParganasBangladeshi intrudersJharkhand
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