रांची: बोरियो के पूर्व विधायक लोबिन हेम्ब्रम शनिवार को भाजपा में शामिल हो गए. हेम्ब्रम ने झारखंड मुक्ति मोर्चा पर पथ से भटकने का आरोप लगाते हुए कहा कि झामुमो अब शिबू सोरेन वाली पार्टी नहीं रह गई. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर विश्वास जताते हुए भाजपा में शामिल होने की बात कही.
शनिवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर आयोजित मिलन समारोह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व नेता लोबिन हेम्ब्रम ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. हेम्ब्रम को झारखंड विधानसभा चुनाव (भाजपा) के सह प्रभारी हिमंता विश्वा सरमा, प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन, विधायक सीता सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने संयुक्त रूप से पूर्व विधायक हेम्ब्रम को भाजपा का पटका पहना कर पार्टी की सदस्यता ग्रहण करवाई.
इस मौके पर लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर विश्वास जताते हुए वे भाजपा में शामिल हुए हैं. शिबू सोरेन गुरुजी को लेकर उन्होंने कहा कि मैं आज भी उनका भक्त हूं. उन्होंने उंगली पकड़कर मुझे राजनीति सिखाया है, लेकिन गुरुजी के समय जो झारखंड मुक्ति मोर्चा था, वो अब नहीं रहा. यहां वरिष्ठ और पुराने नेताओं का अपमान किया जा रहा है. उस वक्त जो तीर-धनुष में दम था वो आज नहीं है. उन्होंने कहा कि जेएमएम को सजाने और संवारने का काम ईमानदारी से किया है, लेकिन आज झारखंड मुक्ति मोर्चा शिबू सोरेन वाली पार्टी नहीं है. उनके बेटे हेमंत सोरेन ने पार्टी के मूल आदर्शों को विलुप्त कर दिया है. उन्होंने बताया कि कैसे हेमंत सोरेन ने शिबू सोरेन के शराबबंदी के फैसले के बाद भी राज्य में छत्तीसगढ़ वाला मॉडल को लागू किया.
संथाल परगना की बदल रही है डेमोग्राफी
घुसपैठ मामले में लोबिन ने कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशीघुसपैठियों का कब्जा है. घुसपैठिये आदिवासियों की जमीनें छीन ले रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड में लव जिहाद चल रहा है. यह दुर्गति की तरफ जा रहा है. भाजपा के पक्ष लेते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासियों का मान-सम्मान करती है. राज्य की जनता भी यह समझ रही है. पार्टी के साथ मिलकर आदिवासियों के हक के लिए लड़ाई लड़ेंगे.
छह साल के लिए निष्कासित कर चुका है झामुमो
उल्लेखानीय है कि एक महीने पहले दलबदल के आरोप में स्पीकर कोर्ट ने लोबिन हेंब्रम की सदस्यता खत्म कर दी थी. लोबिन ने पार्टी लाइन से हटकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में राजमहल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इस वजह से पार्टी ने भी उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था. लोबिन की गिनती राज्य में आदिवासी नेता के रूप में होती है. लोबिन से एक दिन पहले 30 अगस्त को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कदावर नेता रहे चंपाई सोरेन भी भाजपा में शामिल हो गए थे.
हिन्दुस्थान समाचार
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