देश की सर्वोच्च अदालत ने राज्यों सरकार और प्रशासन द्वारा की गई बुलडोजर कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर कोई दोषी साबित हो जाता है तो भी उसके घर को गिराना उचित नहीं है. कोर्ट ने कहा था कि आरोपी होने के आधार पर किसी के घर पर बुलडोजर नहीं चलाना चाहिए. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों सरकारों से इस संबंध में जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
अब उत्तर प्रदेश सरकार ने बुलडोजर कार्रवाई पर अपना जवाब दाखिल किया है. योगी सरकार के हलफनामे को देख सुप्रीम कोर्ट ने उसकी काफी तारीफ की है. यूपी सरकार ने कहा कि प्रदेश में किसी का भी घर बिना कानूनी प्रकिया के नहीं तोड़ा जा रहा है. गृह विभाग के विशेष सचिव ने हलफनामे में कहा कि किसी भी अचल संपत्ति को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही ध्वस्त किया जा सकता है और हम उसी का पालन कर रहे हैं.
शीर्ष अदालत ने योगी सरकार के जवाब पर खुशी जताई और हलफनामे में अपनाए गए रुख की तारीफ की. सुप्रीम कोर्ट ने मामले के संबंध में पूरे देश के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी करने की बात कही. कोर्ट ने मामले के पक्षकारों के वकीलों से अपने सुझाव भी मांगे. बता दें देश भर में चल रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई 17 सितंबर को करेगा.
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