कोलकाता रेप-मर्डर मामले में CBI के बाद अब ईडी की एंट्री हो गई है. आर जी कर मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार के मामले भी सामने आए हैं. एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने PMLA के तहत केस दर्ज कर लिया है. करप्शन मामले में ED की रेड जारी है. ईडी इस मामले में अलग-अलग जगह छापेमारी कर रही है. कोलकाता में ED की रेड 5 से 6 लोकेशन पर चल रही है. बताया जा रहा है कि ईडी की टीम हावड़ा, सोनारपुर और हुगली पहुंची है. सूत्रों के अनुसार,आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिसिंपल संदीप घोष से जुड़े ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की है. संदीप घोष के करीबी रिश्वतेदारों के घर भी ईडी अफसर पहुंचे हैं. रेड में अस्पताल का डेटा एंट्री ऑपरेटर प्रसुन चटर्जी का घर भी शामिल है.
बता दें संदीप घोष को उनके कार्यकाल के दौरान चिकित्सा प्रतिष्ठान में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में CBI ने गिरफ्तार किया था. मंगलवार को घोष को आठ दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग घोष को सस्पेंड कर चुका है. इससे पहले 28 अगस्त को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने संदीप घोष की सदस्यता रद्द कर दी थी.
आरजीकर अस्पताल के सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह मिला था. BI की जांच में सामने आया है कि ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के अगले दिन ही संदीप घोष ने सेमिनार हॉल से लगे कमरों के रेनोवेशन का ऑर्डर दिया था. सूत्रों के मुताबिक CBI को ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि संदीप घोष ने 10 अगस्त को लेटर लिखकर स्टेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) को सेमिनार हॉल से लगे कमरे और टॉयलेट का रेनोवेशन करने को कहा था. इस परमिशन लेटर पर घोष के साइन भी हैं. ये दिखाता है कि संदीष घोष को रेनोवेशन कराने की जल्दी थी. छात्रों के प्रदर्शन के बाद रेनोवेशन का काम रोका गया था. सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि यह डॉक्यूमेंट रेप-मर्डर केस और आरजी कर कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ी के केस के बीच कड़ी जोड़ने में मदद कर सकता है.
बता दें आरजी कर अस्पताल के ही पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली ने संदीप घोष के प्रिंसिपल रहने के दौरान कई मामलों में वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत दर्ज कराई थी. मामला सामने आने पर सरकार ने डेमेज कंट्रोल करने के लिए घोष का आरजी कर से हटाकर कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रांसफर कर दिया. लेकिन बड़े पैमाने पर प्रदर्शन के चलते उन्हें अनिश्चितकालीन छुट्टी दे दी गई. अब ईडी की छापेमारी में की राज खुल सकते हैं.
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