केंद्र की मोदी सरकार लगातार डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने के लिए कई अहम कदम उठा रही है. पिछले 10 सालों में सेना नई और आधुनिक मिसाइलों और टैंक से लैस हुई है. भारत सरकार रक्षा क्षेत्र में निवेश कर भारत की तीनों सेनाओं को ताकत दे रही है. यही कारण है कि भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर तो हुआ ही है अब वो दूसरे देशों में भी रक्षा उपकरण निर्यात कर रहा है.
अभी भी नई तकनीक से लैस मिसाइलों का परीक्षण चल रहा है. जमीन और फाइटर जेट से टारगेट हिट करने वाली मिसाइलों के बाद अब नौसेना के लिए मिसाइलों को अपग्रेड किया जा रहा है. अब भारतीय रक्षा एवं विकास संगठन यानि डीआरडीओ K सीरिज की परमाणु बैलेस्टिक मिसाइल के-5 बना रहा है. ये मिसाइस सबमरीन से सीधे दुश्मन के टारगेट को हिट करेगी.
बता दें इस मिसाइल में 2 हजार kg वजनी वॉरहेड परमाणु और पारंपरिक लगा सकते हैं और इसकी रेंज फिलहाल 5 से 6 हजार km बताई जा रही है. लेकिन हल्के वॉरहेड के साथ यह 8 से 9 हजार किलोमीटर तक मार कर सकती है. इस मिसाइल की क्षमता इतनी है कि अगर इसे भारतीय समुद्री क्षेत्र में मौजूद पनडुब्बी से लॉन्च किया जाए तो चीन और पाकिस्तान के कई प्रमुख शहर किसी भी मिनट खत्म हो सकते हैं. इसे फिलहाल अरिहंत क्लास सबमरीन और एस-5 क्लास सबमरीन में लगाया गया है. भविष्य में बाकी पनडुब्बियों में भी लगाया जा सकता है.
वहीं K-5 बैलिस्टिक मिसाइल में राडार को धोखा देने की तकनीक और काउंटरमेजर्स भी लगाए जाने की उम्मीद है, ताकि दुश्मन को यह पता ही न चले कि मिसाइल कब और कहां से आ रही है. इसके अलावा अग्नि-5 की तरह इसमें MIRV तकनीक भी लगाई जा सकती है, ताकि एक ही बार में कई जगहों पर निशाना लगाया जा सके.
ये भी पढ़ें- ‘कांग्रेस शासन में होम मिनिस्टर कश्मीर जाने से डरते थे…’ पूर्व गृहमंत्री सुशील शिंदे के बयान पर बीजेपी ने घेरा
ये भी पढ़ें- ‘देवरा’ फिल्म का ट्रेलर रिलीज… जूनियर एनटीआर का खूंखार रूप, विलेन सैफ अली खान दे रहे फाइट
कमेंट