भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की कुशल नेतृत्व, वाकपटुता और हाजिरजवाबी से सभी परिचित हैं. पूरी दुनिया डॉ. जयशंकर का लोहा मानती है. सभी अंतरराष्ट्रीय मंचो पर वो भारत का पक्ष बड़ी ही मजबूती के साथ रखते हैं. कई देशों के प्रतिनिधि भारत के विदेश मंत्री की सराहना भी कर चुके हैं. लेकिन हमारा पड़ोसी देश चीन हमारे विदेश मंत्री के इस बढ़ते कद और उनकी बातों से चिढ़ा हुआ है.
दरअसल, चीन की सरकारी मीडिया ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की आलोचनाओं से भरा एक आर्टिकल छापा था लेकिन विवाद बढ़ता देख डिलीट कर दिया. लेकिन कई विश्लेषकों ने आर्टिकल हटाने के बाद ग्लोबल टाइम्स पर निशाना साधा है.
बता दें 31 अगस्त को विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने नई दिल्ली स्थित मीडिया फोरम में चीन को लेकर कड़ा बयान दिया था. जयशंकर ने कहा था कि पूरी दुनिया की ही चीन के साथ सामान्य परेशानी है. उन्होंने कहा, सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व चीन को लेकर अलग-अलग मुद्दों पर बहस कर रहा है. यूरोप में प्रमुख आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा बहस का केंद्र बिंदु चीन ही है. वहीं विदेश मंत्री कहा कि अमेरिका भी चीन को लेकर बेहद गंभीर है और सही भी है.
डॉ. एस. जयशंकर के इस बयान की चर्चा पूरे विश्व में हुई. चीन को भारत के विदेश मंत्री के इस बयान से इतनी मिर्ची लगी कि वहां की सरकार के मुखपत्र कहे जाने वाले ग्लोबल टाइम्स ने भारत के विदेश मंत्री के खिलाफ जहर उबलता हुआ आर्टिकल लिख दिया. यह लेख चीन के कथित इंटरनेशनल अफेयर्स रिलेशंस एक्सपर्ट वांग डेमिंग द्वारा लिखा गया है. आर्टिकल में आरोप लगाया गया कि जयशंकर के बयान में जलन और नफरत नजर आई. इतना ही नहीं आर्टिकल में लिखा गया कि भारत के विदेश मंत्री होने के नाते जयशंकर की नीतियां राष्ट्रीय हित में नहीं हैं. चीन और भारत के बीच रिश्तों में आए सुधार से विदेश मंत्री जयशंकर भयभीत हैं.
वहीं ग्लोबल टाइम्स के लेख में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कूटनीतिक अंदाज की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी से की गई. इस लेख में दावा किया कि एस. जयशंकर में न तो जवाहर लाल नेहरू की कूटनीति की नैतिकता है और न ही इंदिरा गांधी की कूटनीति का सदाचार है. एस. जयशंकर के नेतृत्व में भारतीय कूटनीति सभी देशों के लिए पहले से तय है. वहीं विवाद होने के कुछ देर बाद ही इस आर्टिकल को डिलीट कर दिया गया.
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