कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने आरजी कर मामले के विरोध में अपने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया है. रविवार को उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर इसकी सूचना दी थी और गुरुवार को उन्होंने औपचारिक रूप से राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
My time is up, Sir!
Handed over my resignation latter as MP to India’s Vice President and Chairman Rajya Sabha, Shri Jagdeep Dhankar today in Parliament House.
Free now to speak and write.
Will strengthen my fight authoritarianism, communalism and corruption. pic.twitter.com/kR9Bn0MIQA— Jawhar Sircar (@jawharsircar) September 12, 2024
राज्यसभा में टीएमसी के अब 12 सांसद
जवाहर सरकार ने दिल्ली में सभापति जगदीप धनखड़ के कार्यालय में खुद जाकर अपना इस्तीफा उनके हाथों में दिया. उनके इस्तीफे के बाद राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की संख्या घटकर 12 हो गई है. पश्चिम बंगाल की 16 राज्यसभा सीटों में से अब एक सीट खाली हो गई है. तृणमूल के 12 सांसदों के अलावा, बंगाल से भाजपा के दो और वामपंथी दल के एक सांसद हैं.
2022 में शिक्षा घोटाले और फिर बाद में गाय तस्करी मामले में पार्टी के नेताओं पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद, जवाहर सरकार पार्टी के खिलाफ मुखर हो गए थे. उन्होंने पार्टी के एक हिस्से को ‘सड़’ चुका बताया था. जवाहर ने यह भी कहा था कि उनके परिवार और दोस्तों ने उन्हें राजनीति छोड़ने की सलाह दी थी.
पत्र लिखकर ममता सरकार को घेरा
रविवार को आरजी कर मामले पर पार्टी के रुख के खिलाफ लिखे अपने पत्र में, जवाहर ने ममता बनर्जी को संबोधित करते हुए कहा था, “माननीय महोदया, कृपया विश्वास करें कि इस समय राज्य के आम लोगों के बीच हम जिस स्वतःस्फूर्त आंदोलन और आक्रोश को देख रहे हैं, इसका मुख्य कारण कुछ चुनिंदा अधिकारियों और भ्रष्ट व्यक्तियों की शक्तिशाली धमक है. अपने इतने वर्षों के जीवन में मैंने कभी सरकार के प्रति इतनी व्यापक अस्वीकृति नहीं देखी.”
I am quitting as MP primarily because of WB government’s faulty handling of the most spontaneous public movement following the terrible rape-murder case at RG Kar Hospital.
Quitting politics— to be with the people in their struggle for justice.
My commitment to values unchanged pic.twitter.com/V98R06ziny— Jawhar Sircar (@jawharsircar) September 8, 2024
जवाहर सरकार ने ममता बनर्जी के उस दावे का भी विरोध किया जिसमें उन्होंने आरजी कर महिला डॉक्टर की हत्या और बलात्कार के मामले में हो रहे विरोध को वामपंथी और भाजपा का आंदोलन बताया था. जवाहर ने अपने पत्र में लिखा, “मेरा मानना है कि इस आंदोलन में शामिल लोग गैर-राजनीतिक और स्वतःस्फूर्त रूप से विरोध कर रहे हैं. इसलिए राजनीतिक लेबल लगाकर इस आंदोलन को रोकना उचित नहीं होगा. ये लोग राजनीति से दूर हैं और केवल न्याय और सजा की मांग कर रहे हैं.”
हिन्दुस्थान समाचार
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