M Pox Vaccine: कोरोना के बाद अब एमपॉक्स वायरस दुनिया के कई देशों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. हालांकि एमपॉक्स वायरस की वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थय संगठन की ओर बड़ी खुशखबरी आई है. दरअसल, WHO ने एमपॉक्स वायरस के इलाज लिए वैक्सीन को पहली मंजूरी दे दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स वायरस के इलाज के लिए शुक्रवार को एमवीए-बीएन वैक्सीन को पहला टीका घोषित किया.
एमपॉक्स वायरस के इलाज के लिए फिलहाल जो एमवीए-बीएन टीका बनाया गया है वो केवल व्यसकों को ही लगाया जाएगा. यानी 18 साल कम वाले लोगों को एमवीए-बीएन टीका नहीं लगाया जाएगा. हालाकिं जल्द से जल्दी विश्व स्वास्थय संगठन ने बच्चों, गर्भवति महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए भी ऐसा ही टीका बनाने का आदेश दिया है.
18 वर्ष से ऊपर वालों को लगेगी वैक्सीन
अफ्रीका और अन्य देश जहां इस वक्त एमपॉक्स वायरस का खतरा सबसे ज्यादा है, ऐसे देशों में सबसे पहले वैक्सीनेशन किया जाएगा. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने बताया कि एमपॉक्स वायरस के लिए बनाए गए इस टीके को एक महीने के अंतराल पर दो बार इंजेक्शन के रूप में लगाया जाएगा. एमवीए-बीएन टीके 18 वर्ष से ऊपर वालों के लिए बनाया गया है.
82 प्रतिशत प्रभावी
उपलब्ध डेटा से पता चलता है कि एक्सपोजर से पहले दी गई सिंगल डोज एमवीए-बीएन वैक्सीन लोगों को मंकीपॉक्स से बचाने में अनुमानित 76 प्रतिशत प्रभावी है, जबकि, 2 खुराक अनुमानित 82 प्रतिशत प्रभावी है. MVA-BN वैक्सीन को स्विट्जरलैंड, अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, यूरोपीय संघ और UK में मंजूरी दे दी गई है.
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