चीन इस समय अपनी घटती आबादी के संकट से जूझ रहा है और अब ये माना जा रहा है कि चीन में जितनी बच्चों की संख्या है, जल्द ही उससे ज्यादा वहां पर जानवरों की संख्या होगी. दरअसल, गोलेडमैन सैश की एक रिपोर्ट में ये भविष्यवाणी की गई है कि, साल के अंत तक चीन के शहरी क्षेत्र में चार साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या जितनी है, उससे ज्यादा वहां पालतू जानवरों की संख्या हो जाएगी. यह बात पालतू जानवरों के भोजन की बढ़ती मांग के बाद सामने आई है.
ऐसा इसलिए होगा क्योंकि चीन में पालतू जानवरों को पालने का चलन भी बढ़ रहा है. गोलेडमैन सैश के अनुमान के अनुसार, चीन में शहरी क्षेत्र में चार साल के कम उम्र के बच्चों की आबादी के मुकाबले पालतू जानवरों की आबादी दोगुनी हो जाएगी. गोल्डमैन सैश ने ये अनुमान केवल चीन के शहरी क्षेत्र के लिए लगाया है अगर इसमें ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया जाए तो पालतू जानवरों की संख्या में और भी इजाफा होगा.
गोल्डमैन सैश की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की युवा पीढ़ी अब वंश को आगे बढ़ाने के लिए शादी को प्राथमिकता नहीं दे रही, बल्कि अब चीन की युवा पीढ़ी में पालतू जानवर पालने का जबरदस्त क्रेज चलन में आया है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन में पालतू जानवरों के भोजन की मांग में भी तेजी देखी गई है. चीन में पालतू जानवरों की भोजन की बिक्री 2017 से 2023 तक सालाना 16% बढ़कर 7 अरब डॉलर तक पहुंच गई. अगले छह वर्षों में चीन में पेट्स फूड 15 अरब डॉलर का उद्योग बन सकता है.
हांगकांग विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान और सार्वजनिक नीति के प्रोफेसर स्टुअर्ट बास्टेन का कहना है कि युवा जोड़ों को बेरोजगारी की वजह से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चों को पालना भी काफी महंगा हो रहा है, इसने पेट्स रखने की प्रवृति को जन्म दिया है. पेट्स के प्रति लगाव बच्चों की चाह को और कम कर सकता है, जो सरकार की परेशानी को और ज्यादा बढ़ाएगा.
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