नई दिल्ली: मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने एक सर्कुलर जारी करके सभी लिस्टेड कंपनियों को रिकॉर्ड डेट के बाद अधिकतम दो कारोबारी दिन में ही बोनस शेयर जारी करने का निर्देश दिया है. अभी तक की व्यवस्था में बोनस शेयर रिकॉर्ड से करीब दो हफ्ते के बाद ही जारी हो पाते हैं. सेबी के सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है कि अगर समय सीमा का पालन नहीं किया गया तो दोषी कंपनियों को अर्थदंड (जुर्माना) का सामना करना पड़ेगा. सेबी के सर्कुलर के मुताबिक ये निर्देश 1 अक्टूबर से प्रभावी हो जाएगा.
बोनस शेयर और डिविडेंड जारी करने के लिए कंपनियां रिकॉर्ड डेट तय करती हैं. रिकॉर्ड डेट वो तारीख होती है, जिस दिन को कंपनी अपने शेयर होल्डर्स के लिए बोनस या डिविडेंड की योग्यता तय करती हैं. यानी रिकॉर्ड डेट के दिन शेयर होल्डर के पास कंपनी के शेयर उपलब्ध होने चाहिए. उस तारीख के पहले यदि शेयर होल्डर अपने शेयर बेच देता है, या उस तारीख के बाद कंपनी के शेयर की खरीदारी करता है, तो उसे बोनस या डिविडेंड के लिए पात्र नहीं माना जाता है.
सेबी ने अपने सर्कुलर में बोनस शेयर के लिए T+2 ट्रेडिंग डे का प्रावधान किया है। यहां T का तात्पर्य रिकॉर्ड डेट से है। इस सर्कुलर में बोनस शेयर जारी करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि अगर समय सीमा के पालन में किसी भी तरह की देरी हुई तो कंपनियों को अर्थदंड का सामना करना पड़ेगा। ये अर्थ दंड सेबी द्वारा 19 अगस्त 2019 को जारी सेबी के सर्कुलर के उसे प्रावधान के तहत लगाया जाएगा, जिसमें सेबी के इश्यू ऑफ कैपिटल एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (आईसीडीआर) रेगुलेशंस के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर अर्थदंड लगाने की बात कही गई है।
सर्कुलर में बोनस शेयर जारी करने के लिए अपनायी जाने वाली प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया गया है कि बोनस जारी करने वाली कंपनी सेबी के लिस्टिंग ऑब्लिगेशंस एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स (एलओडीआर) रेगुलेशंस 2015 के प्रावधानों के मुताबिक इश्यू की मंजूरी के लिए स्टॉक एक्सचेंज में अप्लाई करेगी। ये प्रक्रिया बोर्ड की बैठक में बोनस इश्यू को मंजूरी मिलने के 5 कारोबारी दिन में पूरी हो जानी चाहिए। इसके बाद बोनस इश्यू जारी करने वाली कंपनी प्रस्तावित इश्यू के लिए रिकॉर्ड डेट तय करके इस संबंध में स्टॉक एक्सचेंज को सूचित करेगी। इसके साथ ही रिकॉर्ड डेट के अगले कामकाजी दिन ही शेयर के अलॉटमेंट के बारे में भी जानकारी देनी होगी। बोनस जारी करने वाली कंपनी से रिकॉर्ड डेट की आधिकारिक जानकारी मिलने के बाद स्टॉक एक्सचेंज रिकॉर्ड डेट और बोनस शेयरों की संख्या को लेकर नोटिफिकेशन जारी करेगा। इस नोटिफिकेशन में बोनस शेयरों के अलॉटमेंट की तारीख भी मौजूद रहेगी. स्टॉक एक्सचेंज की ओर से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद बोनस जारी करने वाली कंपनी रिकॉर्ड डेट के अगले दिन डिपॉजिटरी को सभी संबंधित कागजात सौंप देगी, ताकि डिपॉजिटरी सिस्टम में बोनस शेयर क्रेडिट हो सकें. अंत में बोनस इश्यू के तहत अलॉटेड शेयर अलॉटमेंट के अगले कारोबारी दिन ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध करा दिए जाएंगे.
सेबी की ओर से स्पष्ट किया गया है की शेयर बाजार में लिस्टेड हर कंपनी को 1 अक्टूबर से इस प्रक्रिया का पालन करना होगा. इसमें किसी भी तरह की चूक मान्य नहीं होगी. इस प्रक्रिया का उल्लंघन करने वाली कंपनियों को कड़े अर्थदंड का सामना करना पड़ेगा.
हिन्दुस्थान समाचार
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