लेबनान में एक के बाद एक हुए पेजर धमाकों ने पूरे विश्व का ध्यान खींचा है. सब इसी बात की चर्चा कर रहे हैं कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर पेजर धमाके कैसे और किसने कराए. कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसके पिछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि मोसाद ने हिजबुल्लाह के पेजर के अंदर PETN फिट किया था. बता दें पीईटीएन एक विस्फोटक पदार्थ है. बताया जा रहा है कि इसे हिजबुल्लाह के पेजर की बैटरीज पर लगाया गया था और इन पेजर्स में बैटरी के तापमान को बढ़ाकर विस्फोट किया गया. आइए जानते हैं PETN के बारे में जिसकी वजह से लेबनान दहल गया.
कितना खतरनाक है PETN?
PETN यानि Pentaerythritol Tetranitrate एक रासायनिक सब्सटेंस है. इसे प्लास्टिक बमों में सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है. इसका इस्तेमाल अमोनियम नाइट्रेट और पोटेशियम नाइट्रेट के साथ किया जाता है, जिससे इसके विस्फोट की ताकत कई गुना बढ़ जाती है. इसके अणु आपस में जबरदस्त तरीके से मिले होते हैं. जिसकी वजह से सेंसर तक इसे पहचान नहीं पाते हैं. बता दें PTEN की खोज जर्मनी की सेना ने प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान की थी.
PTEN का इस्तेमाल मोसाद जैसी खतरनाक खुफिया एजेंसी ही नहीं बल्कि लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और अलकायदा जैसे आतंकी संगठन भी करते रहे हैं.
हिजबुल्लाह को बनाया निशाना
लेबनान की राजधानी बेरूत और दक्षिणी लेबनान के कई में लगभग एक घंटे तक एक के बाद एक ब्लॉस्ट होते गए. जिन इलाकों में ये ब्लास्ट हुए उन्हें हिलबुल्लाह का गढ़ माना जाता है. इलाके के स्थानीय इलाके के लोगों का कहना है कि उन्हें लगभग एक घंटे तक ब्लास्ट की आवाजें सुनाई देती रही.
हिजबुल्लाह क्यों करता था पेजर का इस्तेमाल?
7 अक्तूबर 2023 को इजरायल पर हमले के बाद, हिजबुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व ने अपने लड़ाकों को बातचीत के लिए मोबाइल या इंटरनेट के बजाए पेजर के इस्तेमाल करने का आदेश दिया था क्योंकि इजरायली सेना और खुफिया एजेंसी मोसाद लगातार हिजबुल्लाह के लड़ाकों की लोकेशन ट्रैक करती है. वहीं पेजर की लोकेशन ट्रैक नहीं की जा सकती.
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