One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी के प्रस्ताव को आज केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी दे दी गई. राष्ट्रपति के नेतृत्व वाली कमेटी ने 2024 में वन नेशन वन इलेक्शन पर अपनी रिपोर्ट दी थी. वन नेशन वन इलेक्शन वाले प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद देश में सियायत भी गरमा चुकी है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार इसके जरिये लोगों का ध्यान मुद्दों से भटका रही है.
1. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जो रिपोर्ट केंद्र को दी उसमें कहा गया है कि पूरे देश में मतदाताओं के लिए एक ही वोटर लिस्ट होनी चाहिए. सभी के लिए एक जैसा वोटर कार्ड होना चाहिए. लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ होने चाहिए. साथ ही ये सिफारिश भी की गई है कि इन दोनों चुनावों के पूरे के 100 दिनों के अंदर स्थानीय निकाय चुनाव भी करा लिया जाए.
2. केंद्र सरकार वन नेशन वन इलेक्शन बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में पास कराने की कोशिश करेगी. जिसके बाद ही ये कानून का रूप लेगा. समिति को 32 पार्टियों का समर्थन मिला था. समें 15 पार्टियों ने वन नेशनल वन इलेक्शन का समर्थन नहीं किया. वहीं 15 पार्टियों ने कोई जवाब नहीं दिया. पूर्व राष्ट्रपति के नेतृत्व में बनी कमेटी ने 62 राजनीतिक पार्टियां से संपर्क किया था.
3. लोकसभा और विधानसभा इलेक्शन कराने की जिम्मेदारी इलेक्शन कमीशन के पास है. जबकि नगर निगमों और पंचायतों के लिए स्थानीय निकाय चुनाव की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग के पास है. समिति ने भारत के निर्वाचन आयोग की ओर से राज्य निर्वाचन प्राधिकारियों से विचार-विमर्श कर एक साझा मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र बनाने की भी सिफारिश की. समिति की ओर से 18 संवैधानिक संशोधनों की सिफारिश की गई है. इनमें से ज्यादातर को राज्य विधानसभाओं के मंजूरी की जरुरत नहीं होगी. हालांकि, इसके लिए कुछ संविधान संशोधन विधेयकों की आवश्यकता होगी, जिन्हें संसद से पारित कराना पड़ेगा.
4.पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि देश को एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए आगे आना होगा. पीएम कई मौकों पर एक देश एक चुनाव का समर्थन कर चुके हैं. पीएम की ओर से कहा गया था कि एक साथ चुनाव कराने से देश का संशाधन बचेगा. देश में तीन या चार महीने ही इलेक्शन होने चाहिए.
5.बीजेपी के कई दिग्गज नेता भी वन नेशन वन इलेक्शन की बात कह चुके हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि एनडीए सरकार अपने मौजूदा कार्यकाल में ही वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करेगी.
6. अब विधि आयोग की ओर से सरकार के तीन स्तरों – लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और नगर पालिकाओं और पंचायतों जैसे स्थानीय निकायों के लिए 2029 से एक साथ चुनाव कराने और त्रिशंकु सदन जैसे मामलों में एकता सरकार बनाने के प्रावधान की सिफारिश कर सकता है.
7. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में बताते हुए कहा कि 951 से 1967 तक देश में एक साथ ही चुनाव कराए जाते थे. उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन के लिए सभी वर्गों से राय ली गई. अगले कुछ महीनों में आम सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा. समिति ने 191 दिन इस विषय पर काम किया. विषय पर समिति को 21 हजार 558 रिएक्शन मिले. इसमें से 80 फीसदी लोग एक देश एक चुनाव के पक्ष में थे.
8.वहीं वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्तावों को मंजूरी मिलने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ये व्यवस्था व्यवहारिक नहीं है. बीजेपी चुनाव के समय इसके जरिये असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि एक देश एक चुनाव की व्यवस्था चलने वाली नहीं है.
9. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने वन नेशन वन इलेक्शन का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि ये व्यवस्था देश के विकास के लिए जरूरी है. लॉ एंड ऑर्डर के लिए जरूरी है. देश की प्रगति के लिए जरूरी है.
10. केंद्र सरकार को वन नेशन वन इलेक्शन व्यवस्था लागू करने को लेकर सोमवार को प्रमुख घटक जेडीयू का समर्थन मिला. जेडीयू ने कहा कि इससे पॉलिसीज में निरंतरता रहेगी और बार-बार चुनाव से होने वाली परेशानियों से भी बचा जा सकेगा.
ये भी पढ़ें:चंद्रयान-4 और शुक्र मिशन लॉन्च करेगा भारत, स्पेस स्टेशन को भी केंद्रीय कैबिनेट से मिली मंजूरी
कमेंट