वन नेशन वन इलेक्शन पर पूर्व राष्ट्रपति कविंद के नेतृत्व बनी कमेटी के प्रस्तावों को आज कैबिनेट ने मंजूरी दी है. कहा जा रहा है कि अब संसद के विंटर सैशन में वन नेशन वन इलेक्शन से जुड़ा बिल लाया जाएगा और अगर सरकार इसे पास कराने सफल रहती है, तो साल 2029 से पूरे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ में हों.
उल्लेखनीय है कि नेशन वन इलेक्शन पर विचार करने के लिए पिछले साल सितंबर में मोदी सरकार की ओर से पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी. इस कमेटी मार्च 2024 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 18 हजार 626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी.
रिपोर्ट में दिए गए ये प्रस्ताव
सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनाव तक बढ़ाया जाए.
बहुमत न मिलने की स्थिती में अविश्वास प्रस्ताव पास हो जाने के बाद बाकी 5 साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं
पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाएं
100 दिनों के भीतर दूसरा फेज हो, जिसमें शहरी और ग्रामीण निकाय चुनाव कराए जाएं.
सभी चुनावों के लिए कॉमन इलेक्टोरल रोल तैयार किय़ा जाए.
एक साथ चुनाव कराने के लिए उपकरणों, जनशक्ति और सुरक्षा बलों की एडवांस प्लानिंग की सिफारिश की है.
राष्ट्रपति कविंद के नेतृत्व बनी कमेटी के प्रस्तावों को मंजूरी दिए जाने के बाद एक राष्ट्र एक चुनाव चलने वाला नहीं है. ये व्यवस्था नामुमकिन है. वहीं बता दें कि 62 सियासी दलों से राय के बाद समिति ने एक देश-एक चुनाव पर रिपोर्ट तैयार की है. यानी इसे तैयार करने से पहले 62 सियासी दलों से राय ली गई थी.
इन राजनीतिक दलों में से 32 ने समर्थन, 15 ने विरोध और 15 ने इस पर जवाब देने से मना कर दिया था. चंद्रबाबू नायडू की पार्टी ने मामले में अपनी राय नहीं दी है. मायावती और जेडीयू ने इसका समर्थन किया है.
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