Gurpatwant Pannu Case: अमेरिका की एक कोर्ट ने भारत सरकार और उसके शीर्ष को एक समन जारी किया है. दरअसल, अमेरिकी अदालत ने ये भारत सरकार और उसके अधिकारियों को खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिशों के संबध में जारी किया है. केंद्र सरकार की ओर से इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक बयान में कहा कि ये बिल्कुल अनुचित और निराधार आरोप है.
विदेश सचिव ने आगे कहा, ‘अब जब यह विशेष मामला दर्ज किया गया है. यह अंतर्निहित स्थिति के बारे में हमारे विचारों को नहीं बदलता है. मैं आपका ध्यान केवल इस विशेष मामले के पीछे के व्यक्ति की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसका इतिहास सबको अच्छी तरह से ज्ञात है. मैं इस तथ्य को भी रेखांकित करूंगा कि यह व्यक्ति जिस तथाकथित संगठन का प्रतिनिधित्व करता है वह गैरकानूनी है. उस संगठन को 1967 के गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत घोषित किया गया है और ऐसा भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के उद्देश्य से राष्ट्र-विरोधी और विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने के कारण किया गया है.’
#WATCH | On designated terrorist Gurpatwant Singh Pannun filed lawsuit against Indian govt in US over 'assassination' attempt, Foreign Secretary Vikram Misri says, "As we've said earlier, these are completely unwarranted and unsubstantiated imputations. Now that this particular… pic.twitter.com/qAbYrc177C
— ANI (@ANI) September 19, 2024
समन न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले में यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की ओर से नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल, पूर्व रॉ चीफ सामंत गोयल को समन भेजा गया है. हत्या के मामले में आरोपी निखिल गुप्ता और विक्रम यादव को भी समन भेजा गया है. निखिल गुप्ता को अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर पिछले वर्ष चेक गणराज्य से गिरफ्तार किया गया था, उन्हें इस साल जून में चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था. निखिल गुप्ता पर पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप लगे.
अप्रैल 2024 में आई द वाशिंगटन पोस्ट ने ने भारत के रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक अधिकारी विक्रम यादव को साजिश में शामिल बताया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि तत्कालीन रॉ चीफ सामंत गोयल ने ऑपरेशन को मंजूरी दी थी. हालांकि, केंद्र ने रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि यह दावा पूरी तरह से अनुचित और निराधार है कि पन्नू की हत्या के प्रयास में भारतीय एजेंट शामिल थे.
गुरपतवंत सिंह पन्नू सिख फॉर जस्टिस नाम के संगठन का मुखिया है. वह भारतीय नेताओं और संस्थानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण और धमकी देता रहा है. भारत ने उसे 2020 में आतंकवादी घोषित कर दिया था. उसके पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है. वह आतंकवाद के आरोपों में भारत में वॉन्टेड है.
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