Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता कांड के बाद जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार 20 सितंबर से स्वास्थ्य भवन और कोलकाता में चल रहे धरना प्रदर्शन को खत्म करने के साथ-साथ काम पर लौटने का एलान कर दिया है. वो शनिवार से काम पर लौटेंगे. पूरे 41 दिन बाद डॉक्टरों की जरूरी सेवाओं में वापस होगी. उल्लेखनीय है कि कोलकाता में लेडी डॉक्टर से रेप और हत्या के बाद डॉक्टरों के संगठन ने धरने की घोषणा कर दी थी.
डॉक्टरों के धरना प्रदर्शन के चलते बंगाल की स्वास्थय सेवाओं पर असर पड़ने लगा था. वहीं हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की 5 मांगों में से तीन को ममता सरकार ने मान लिया था. खुद सीएम ममता बनर्जी ने डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की थी ओर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही थी. डॉक्टरों की तीन मांगो को मानते हुए पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और जिसके उपर पीड़ित परिवार ने रिश्वतखोरी का आरोप लगाया था उस कोलकाता पुलिस के उपायुक्त (उत्तर) को हटा दिया गया. इतना ही नहीं चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को भी हटा दिया.
जूनियर डॉक्टर्स ने रखी थीं ये 5 मांगें
1- ट्रेनी डॉक्टर से रेप और मर्डर के बाद साक्ष्यों को “नष्ट” करने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने और सजा देने की मांग
2- मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
3- कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे की मांग
4- स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग
5- सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में धमकी के कल्चर को खत्म करने की मांग
गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ के रेप और हत्या के विरोध में 9 अगस्त के बाद से जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर धरना प्रदर्शन कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट ने भी डॉक्टरों को वापस काम पर लौटने को कहा था. 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा था कि डॉक्टर वापस काम पर लौटें और हम उन्हें दी जाने वाली सभी सुविधाएं सुनिश्चित करेंगे.
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