Detonator on Railway Track In MP: खंडवा-भुसावल रेल खंड पर बुरहानपुर जिले के नेपानगर के पास सागफाटा और डोंगरगांव स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर कुछ डेटोनेटर (ट्रेन को इमरजेंसी में रोकने के लिए उपयोग होने वाला पटाखा) मिलने से हड़कम्प मच गया. यहां से सेना के जवानों को ले जा रही ट्रेन गुजरने वाली थी. ट्रेन के पहुंचने से पहले ही कुछ डेटोनेटर फट गए. इससे रेलवे अधिकारी अलर्ट हो गए और सागफाटा स्टेशन पर ट्रेन को रोकना पड़ा.
यह घटना 18 सितंबर की है, लेकिन रविवार को इसकी जानकारी सामने आई है. इस मामले में आरपीएफ, एटीएस के अलावा कई सुरक्षा और खुफियां एजेंसियां जांच में जुट गई हैं. हालांकि रेलवे की ओर कहा गया है कि जो डेटोनेटर्स बरामद किए गए हैं, उन्हें रेलवे की ओर से ही इस्तेमाल किया जाता है लेकिन जिस जगह वह लगाए गए थे, वहां लगाने का औचित्य नहीं था. ऐसे में ये डेटोनेटर्स वहां किसने लगाए, इसकी जांच की जा रही है.
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार, 18 सितंबर को जम्मू-कश्मीर से कर्नाटक जा रही आर्मी स्पेशल ट्रेन जैसे ही सागफाटा और डोंगरगांव के बीच पहुंची, अचानक डेटोनेटर फटने शुरू हो गए. लोको पायलट ने ट्रेन रोकी, लेकिन कोई कारण पता नहीं चला. बाद में उसने सागफाटा स्टेशन मास्टर को मेमो देने के साथ भुसावल में भी सूचना दी थी. जिसके बाद ट्रेन को दोपहर करीब ढाई बजे सागफाटा स्टेशन पर आधे घंटे तक रोका गया. ट्रैक पर रखे डेटोनेटर 2014 के बताए जा रहे हैं. यह पांच साल के लिए ही वैध रहते हैं. छठवें साल में इनका टेस्ट होता है. इन्हें रेलवे ही बनाता है.
मामले को रेल मंत्रालय ने काफी गंभीरता से लिया है. आर्मी के अधिकारी भी जांच में जुटे हैं. वे पूछताछ के लिए चाबीदार और ट्रैकमैन की कस्टडी मांग रहे हैं. मध्य रेलवे भुसावल मंडल के पीआरओ जीवन चौधरी ने कहा है कि अभी मामले की जांच चल रही है. डॉग स्क्वायड की मदद से भी छानबीन की जा रही है. मध्य रेलवे के पीआरओ चौधरी ने बताया कि मध्य रेलवे के भुसावल रेल मंडल में नेपानगर से लेकर खंडवा के बीच स्थित सागफाटा स्टेशन के पास में कुछ डेटोनेटर ट्रैक पर लगाने का मामला 18 तारीख को घटित हुआ है.
मध्य रेलवे के पीआरओ चौधरी ने बताया इस घटना में जो डेटोनेटर्स इस्तेमाल किए गए हैं, ये रेलवे के द्वारा रेगुलर काम में इस्तेमाल किए जाने वाले डेटोनेटर्स हैं, इन्हें पटाखे बोला जाता है और जब ये फटते हैं तब इसकी बहुत तेज आवाज होती है. ये डेटोनेटर ट्रैक मैन, चाबी मैन व रेलवे फाटक में पदस्थ कर्मचारियों को उपलब्ध कराए जाते हैं. यदि कर्मचारियों को कहीं रेल पटरी टूटने अथवा किसी और वजह से ट्रेन के दुर्घटना ग्रस्त होने का खतरा महसूस होता है, तब वे पास रखे दस पटाखों में से दो को रेल पटरियों पर रख कर फोड़ते हैं, जिससे लोका पायलट को संकेत मिल जाता है और वह ट्रेन रोक देता है.
हिंदुस्तान समाचार
ये भी पढ़ें:हिज्बुल्लाह ने इजरायल पर की रॉकेट और मिसाइलों की बौछार, बम शेल्टर में छिपने को लोग मजबूर
कमेंट