कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ है. यहां मार्क्सवादी नेता अनुरा दिसानायके ने जीत दर्ज की है. वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता दिसानायके श्रीलंका के 10वें राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. कल 23 सितंबर को वो राष्ट्रपति पद की शपथ ले सकते हैं.
श्रीलंका के चुनाव आयोग ने औपचारिक रूप से घोषणा की है कि 55 वर्षीय अनुरा कुमार दिसानायके ने शनिवार के चुनाव में 42.31 फीसदी वोट हासिल किए. जबकि विपक्षी नेता सजीथ प्रेमदासा दूसरे स्थान पर रहे, जिन्हें 32 प्रतिशत मत मिले. वहीं रानिल विक्रमसिंघे 17 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे.
अपनी जीत के बाद, अनुरा दिसानायके ने राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया और कहा, “सिंहली, तमिल, मुस्लिम और सभी श्रीलंकाई लोगों की एकता एक नई शुरुआत का आधार है.” उन्होंने देश की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए एक नई शुरुआत की उम्मीद जताई है.
उल्लेखनीय है कि अनुरा दिसानायके कोलंबो से सांसद हैं और जेवीपी के अध्यक्ष हैं. दिसानायके का जन्म 24 नवंबर 1968 को अनुराधापुरा जिले के थंबूथेगामा गांव में हुआ था. वे अपने गांव के पहले ऐसे छात्र थे, जिसने किसी विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था. छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय रहे दिसानायके ने पहली बार 2000 में विधायक का चुनाव जीता था. वे 2014 में जेवीपी के अध्यक्ष बने. वर्ष 2019 के राष्ट्रपति चुनावों में उन्हें सिर्फ 03 प्रतिशत वोट मिले थे.
हिन्दुस्थान समाचार
ये भी पढ़ें- पंजाब में चार कैबिनेट मंत्रियों ने दिया इस्तीफा, नए मंत्री आज लेंगे शपथ
ये भी पढ़ें- Entertainers Cricket League 2024: हरयाणवी हंटर्स ने लखनऊ लायंस को हराकर जीता खिताब
कमेंट