तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने का मामले में आंध्र प्रदेश की सीएम चंद्रबाबू की सरकार ने जांच के लिए अब एसआईटी यानी स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की है. सरकार द्वारा गठित इस एसआईटी की निगरानी आईजी या उसके ऊपर के स्तर के अधिकारी के हाथों मे होगी. ये एसआईटी सत्ता के बेजा इस्तेमाल समेत सभी वजहों की जांच करेगी. एसआईटी अपनी जांच पूरी करने के बाद अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी.
सीएम नायडू ने कहा कि सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाएगी, ताकि लड्डू में मिलावट जैसा मामला फिर सामने न आए. सीएम नायडू ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो घी स्पलायर्स हैं उनके पास तीन साल का अनुभव जरुरी है. हालांकि, जगन सरकार ने इसे घटाकर एक साल कर दिया. सीएम ने ये भी कहा कि सपलायर्स के टर्नओवर को भी जगन सरकार में घटा दिया गया. इसे 250 से घटाकर 150 करोड़ कर दिया गया.
सीएम नायडू ने ये सवाल भी किया कि 319 रुपये में शुद्ध घी कैसे उपलब्ध हो सकता है. जबकि पाम ऑयल इससे मंहगा पड़ता है. उन्होंने कहा कि एआर डेयरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 12 जून 2024 से घी की आपूर्ति शुरू कर दी है. वहीं मंदिर की अपिवित्रता को दूर करने के लिए के आज वहां शांति होमम पंचगव्य प्रोक्षण यानी की होम आयोजित किया जा रहा है. मंदिर के शुद्धिकरण के लिए हो रहे इस होम का आयोजन श्रीवारी (श्री वेंकटेश्वर) मंदिर में बंगारू बावी (स्वर्ण कुआं) यज्ञशाला (अनुष्ठान स्थल) में किया जा रहा है.
#WATCH | Andhra Pradesh: TTD (Tirumala Tirupati Devasthanams) organised a Maha Shanti Homam in the wake of Laddu Prasadam row.
Executive officer of Tirumala Tirupathi Devastanam (TTD) Shamala Rao and other officials of the Board participated in the Homamam along with the… pic.twitter.com/Gkh7JFeljT
— ANI (@ANI) September 23, 2024
बता दें कुछ दिन पहले सीएम नायडू ने एनडीए की बैठक में दावा कि पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार में तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम को बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का उपयोग किया गया. इसके बाद प्रसाद की जांच के लिए उसे लैब में भेजा गया, जहां उसमें जानवरों की चर्बी मिलाने की पुष्टि हुई है.
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