भारत विकासशील देशों के हितों का बेहतर प्रतिनिधित्व कर सके इसलिए वो लंबे समय से सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग कर रहा है. पीएम मोदी अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान संयुक्त राष्ट्र में वक्त के साथ बदलाव की बात करते हुए एक फिर इस मुद्दे को चर्चा में ले आए हैं. वहीं अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की बात कही है.
सोमवार को न्यूयॉर्क में 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि विकासशील देशों और अधिक व्यापक रूप से आज की दुनिया का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए UNSC में सुधार होने चाहिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में भारत-जापान और जर्मनी को स्थायी सदस्या मिले इस बात का अमेरिका ने हमेशा समर्थन किया है.
साथ ही ब्लिंकन ने कहा कि हमारा ये भी मानना है कि सुरक्षा परिषद में अफ्रीका के लिए दो स्थायी सीटें, छोटे द्वीप विकासशील देशों के लिए एक रोटेशनल सीट और लैटिन अमेरिका और कैरिबियन के लिए स्थायी प्रतिनिधित्व भी होना चाहिए. ब्लिंकन ने कहा कि हमें दुनिया को प्रभावित करने वाले जियोपॉलिटिकल हालातों में सुधार के लिए यूएन के सिस्टम पर यकीन है.
बता दें कि, UNSC 15 सदस्यों का समूह है. इसके पांच स्थायी सदस्य चीन, यूके, फ्रांस, रूस और अमेरिका हैं, जिनके पास वीटो की शक्ति है. 10 गैर-स्थायी सदस्य शामिल हैं जो दो साल के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं.
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