भारत में इस्लामिक राष्ट्र का सपना देखने वाले कट्टरपंथी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर पर केंद्रीय जांच एजेंसी यानि एनआईए ने शिंकजा कसा है. एनआईए ने तमिलनाडु में इस संगठन जुडे 11 ठिकानों पर छापेमारी की है. एनआईए की टीमों ने तांबरम, चेन्नई, कन्याकुमारी जैसे जिलों में संदिग्धों के घरों पर तलाशी अभियान चलाया और कई गैर-कानूनी सामग्री जब्त की, जिसमें डिजिटल उपकरण, बिना हिसाब की नकदी और हिज्ब-उत-तहरीर से संबंधित साहित्य शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चेन्नई सेंट्रल क्राइम ब्रांच का कहना है कि हिज्ब उत तहरीर में लोगों को शामिल कराने के लिए तमिलनाडु के रोयापेट्टा के रहने वाले एक पिता-पुत्र ने साजिश के तहत ब्रेनवॉश करने का काम किया था. एनआईए की जांच में यह सामने आया है कि मुख्य साजिशकर्ता हामिद हुसैन ने पांच अन्य आरोपियों के साथ मिलकर गुप्त बैठकों का आयोजन किया था, जिनका उद्देश्य हिज्ब-उत-तहरीर की भारत-विरोधी विचारधारा को बढ़ावा देना था. बता दें इससे पहले भी मध्य प्रदेश में हिज्ब उत तहरीर से जुड़े 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
क्या है हिज्ब-उत-तहरीर संगठन?
हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना 1952 में यरुशलम में हुई थी. इसका मुख्यालय लंदन में है और इसका नेटवर्क यूरोप और दक्षिण एशिया में फैला हुआ है. हिज्ब उत तहरीर ऐसा इस्लामिक संगठन है जिसका मकसद भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है. हिज्ब उत तहरीर की बेवसाइट पर कहा गया है कि अल्लाह को न मानने वाले सिस्टम को खत्म करना है. ये साजिश के तहत दुनियाभर में लोगों का ब्रेनवाश करता है और फिर उन युवकों को दुनियाभर में जिहाद के लिए तैयार करता है, उन्हें ट्रेनिंग देता है. इतना ही ये आतंकी संगठन जैविक हथियार बनाने की ट्रेनिंग भी देता है.
ये भी पढ़ें- पंजाब: राजीव गांधी नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बंद, छात्राओं का विसी पर आपत्तिजनक कमेंट करने का आरोप
ये भी पढ़ें- उत्तराखंड के हल्द्वानी में भक्त प्रहलाद की मूर्ति टूटने पर विवाद, हिन्दू संगठनों में आक्रोश
कमेंट