S. Jaishankar on India-China Relation: भारत और चीन के बीच पिछले कुछ सालों से कड़वाहटों का दौर चल रहा है. दोनों के रिश्ते खराब हैं. समय-समय पर बॉर्डर पर दोनों के बीच तनाव भी देखा जाता है. इन सबके बीच अब विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के साथ रिश्तों पर बड़ी बात कही है. दरअसल, एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में एशिया सोसायटी पॉलिसी इंस्टिट्यूट में एशिया सोसायटी को संबोधित किया.
इसी कार्यक्रम उन्होंने चीन को लेकर कई अहम बाते कहीं. उन्होंने कहा, ‘चीन के साथ हमारा इतिहास कठिन रहा है. हमें इसे स्वीकार भी करना चाहिए. चीन के साथ हमारे जो भी समझौते हुए वो स्पष्ट रूप में हुए, लेकिन इन स्पष्ट समझौतों के बावजूद हमने कोविड के बीच में देखा कि चीन ने इनका उल्लंघन करते हुए बड़ी संख्या में सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भेज दिया. इससे संभावना थी कि कोई दुर्घटना घटित होगी, और ऐसा ही हुआ.’
#WATCH | New York: During the Asia Society at the Asia Society Policy Institute, EAM Dr S Jaishankar says, "We have a difficult history with China… Despite the explicit agreements we had with China, we saw in the middle of covid that the Chinese moved large number of forces in… pic.twitter.com/vNyfWTZrJY
— ANI (@ANI) September 24, 2024
विदेश मंत्री ने कहा कि इसलिए भारत और चीन में झड़प हुई, जिसमें दोनों तरफ से कई सैनिक मारे गए. इन सब चीजों ने दोनों देशों के बीच रिश्ते पर ग्रहण लगा दिया. जब मैंने कहा कि इसका 75% समाधान हो चुका है, तो यह केवल अलगाव का मामला है. यह समस्या का एक हिस्सा है. इसलिए हम टकराव वाले स्थानों पर अधिकांश बिंदुओं को सुलझाने में सक्षम हैं, लेकिन गश्त के कुछ मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है. जयशंकर ने आगे सलाह देते हुए कहा कि अगर चीन के साथ संबंधों को सुधारना है तो दोनों देशों को ‘डी-एस्केलेशन’ के महत्व को समझना होगा.
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