नई दिल्ली: माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) का गठन किया है. चौधरी की अध्यक्षता वाला जीओएम मार्च 2026 में क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद विलासिता तथा अहितकर वस्तुओं पर कर के बारे में निर्णय करेगा.
जीएसटी परिषद सचिवालय कार्यालय की जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक केंद्रीय वित राज्य मंत्री पंकज चौधरी की अध्यक्षता वाले जीओएम में असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सदस्य शामिल हैं। यह जीओएम 31 दिसंबर, 2024 तक जीएसटी परिषद को रिपोर्ट सौंपेगा.
जीएसटी व्यवस्था में विलासिता संबंधी वस्तुओं पर 28 फीसदी कर के अलावा क्षतिपूर्ति उपकर लगाया जाता है. सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान राज्यों के राजस्व नुकसान की भरपाई करने के लिए वित्त वर्ष 2021 और 2022 में 2.69 लाख करोड़ रुपये उधार लिए थे. इसलिए जीएसटी परिषद ने ऋण और ब्याज को चुकाने के लिए क्षतिपूर्ति उपकर को मार्च 2026 तक बढ़ाने का फैसला किया था.
जीएसटी परिषद ने 9 सितंबर को अपनी 54वीं बैठक में उपकर के भविष्य की दिशा तय करने के लिए मंत्री समूह गठित करने का निर्णय लिया था. क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने में केवल डेढ़ वर्ष शेष रह गया है. इसके मद्देनजर इस समिति का गठन किया गया है. इस जीओएम के विचारार्थ विषय क्षतिपूर्ति उपकर समाप्त होने के बाद उसकी जगह पर कराधान का प्रस्ताव करना है.
उल्लेखनीय है कि फिलहाल देश में जीएसटी की चार स्तरीय कर संरचना व्यवस्था लागू है. इसमें 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी का ‘स्लैब’ लागू है. हालांकि, जीएसटी कानून के तहत वस्तुओं तथा सेवाओं पर 40 फीसदी तक का कर लगाया जा सकता है.
हिन्दुस्थान समाचार
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