पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में मस्जिद विवाद के बाद कई ग्राम पंचायतों ने कड़ा फैसला लिया है. कई ग्राम पंचायतों ने अपने गांव के अंदर बाहरी लोगों के लिए प्रवेश बंद कर दिया है और इससे संबंधित पोस्टर भी चस्पा दिए हैं. इस पाबंदी का असर सबसे ज्यादा रोजाना कमाने-खाने वालों विशेष रूप से फेरी वाले, कबाड़ी, श्रमिक और अन्य सामान बेचने वाले लोगों पर असर हो रहा है.
इन ग्राम पंचायतों ने लिया निर्णय
कांगड़ा जिले के गुम्मर, शिमला जिले के घनहट्टी, हमीरपुर के फतेहपुर और धमरोल, मंडी के समैला और मांबला, बिलासपुर के खुडला और जुखला, सोलन के धनालग, बरमाना और हरनोड़ा, तथा अन्य पंचायतों में ये नोटिस लगाए गए हैं.
पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य
पंचायत द्वारा चिपकाए गए नोटिस में ये कहा गया है कि बाहरी लोगों को ग्राम में प्रवेश करने से पहले पुलिस थाने में सत्यापन कराना अनिवार्य है. और अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसपर 2 हजार रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
क्यों लगाई गई पाबंदी?
दरअसल, स्थानीय लोगों का कहना है कि राज्य में बढ़ते लव जिहाद और लैंड जिहाद को देखते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया है. हिंदू जागरण मंच के कमल गौतम ने बताया कि बाहरी लोग, विशेषकर गैर-हिंदू, गांवों के भोले-भाले ग्रामीणों को गुमराह करते हैं और लव जिहाद तथा लैंड जिहाद जैसे अपराधों में संलिप्त होते हैं. इसी के चलते ग्राम पंचायतों ने इन बाहरी लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है.
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