दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान शीर्ष अदालत ने पराली जलाने के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई न करने को लेकर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट यानि CAQM को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि सीएक्यूएम ने अबतक अधिनियम के एक भी प्रावधान का अनुपालन नहीं किया है. कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण की वजह से शहर में इमरजेंसी जैसे हालात हैं. बता दें मामले की सुनवाई जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एजी मसीह की बेंच कर रही है.
वहीं शीर्ष अदालत ने CAQM से पूछा कि पराली जलाने में क्या कोई कमी आई है? आप पराली जलाने के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? लगातार बैठकें क्यों नहीं हो रहीं? आपकी कार्रवाई केवल कागज पर है और आप मूकदर्शक हैं.
CAQM के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने बताया कि उन्होंने समिति बनाने के बाद 82 कानूनी आदेश और 15 सुझाव जारी किए हैं. उनकी टीम ने 19 हजार जगहों का निरीक्षण किया है और 10 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश दिया है. इस पर कोर्ट ने कहा कि CAQM तीन साल से अस्तित्व में है, लेकिन केवल 82 निर्देश जारी किए हैं. इतनी कार्रवाई काफी नहीं है. आयोग को और अधिक एक्टिव होने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि आयोग को यह सुनिश्चित करें कि उसके निर्देशों से प्रदूषण की समस्या कम हो रही है या नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप बिना कमेटी गठित किए कैसे कदम उठा सकते हैं? हमें आयोग द्वारा अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया एक भी निर्देश दिखाइए. यह सब हवा में है.
पिछली सुनवाई के दौरान 27 अगस्त को कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली-NCR के पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड में कर्मचारी कम होने की वजह से ठीक से काम नहीं हो रहा. कोर्ट ने पांच राज्यों को आदेश दिया था कि वे खाली पड़ी नौकरियों को 30 अप्रैल 2025 तक भरें, ताकि प्रदूषण पर काबू पाया जा सके.
ये भी पढ़ें- उज्जैनः महाकाल मंदिर के पास दीवार गिरने से दो लोगों की मौत, दो लोग घायल
ये भी पढ़ें- MCD स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में बीजेपी ने मारी बाजी, सुंदर सिंह तंवर की जीत
कमेंट