पटना: बिहार में वाल्मीकिनगर बराज, पश्चिम चंपारण और कोसी बराज, वीरपुर सुपौल जिले से लगातार पानी आने के कारण 12 जिलों की करीब 13 लाख अबादी बाढ़ से प्रभावित हो गई है. नेपाल की सीमा से सटे पश्चिम चंपारण जिले में स्थित एक मात्र टाइगर रिजर्व वाल्मिकीनगर के हवाईअड्डा के रनवे और हेलीपैड दोनों डूब गए हैं. यह सामरीक दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण हवाईअड्डा है. क्योंकि, नेपाल सीमा पर यह स्थित है. इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा अतिविशिष्ट लोगों के इस्तेमाल के लिए किया जाता है.
बिहार में भारी बारिश से सभी नदियां उफान पर हैं। नेपाल में भी भारी वर्षा के कारण रविवार सुबह पांच बजे कोसी बराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक जल छोड़ा गया, जो 1968 के बाद सर्वाधिक है. तटबंधों की सुरक्षा के लिए जल संसाधन विभाग की टीमें दिन-रात तत्पर हैं. हालांकि, दोपहर में कोसी बराज में पानी का प्रवाह कम हो गया है. अररिया जिले के पलासी प्रखंड में बकरा नदी पर मनरेगा से बना बांध ककोड़वा और डेहटी मीरभाग के समीप कुछ हिस्से में देर रात टूट गया. डेहटी मीरभाग में लगभग 60 फीट तो ककोड़वा में 10-15 फीट बांध टूटा है. इसके कारण दक्षिण डेहटी और भिखा पंचायत में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. पानी आने से दक्षिण डेहटी पंचायत ज्यादा प्रभावित हुआ है. जिले में बकरा, नूना, परमान और कनकई नदी में पानी घटने की रफ्तार बहुत सुस्त है. बाढ़ प्रभावित सिकटी, पलासी, जोकीहाट, कुर्साकांटा और फारबिसगंज प्रखंड क्षेत्रों में स्थिति अभी भी यथावत है.
जिले में बाढ़ से दो दर्जन से अधिक पंचायत प्रभावित हैं. बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता कमल कुमार ने बताया कि नदी का पानी घट-बढ़ रहा है. पलासी में बकरा नदी पर मनरेगा से बना बांध दो जगहों पर टूटा है. फिलहाल, वहां तक जाने का रास्ता नहीं होने के कारण मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ है.
मधुबनी के जिलाधिकारी अरविंद वर्मा ने बताया कि नेपाल जल अधिग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से मधुबनी में कोसी के जलस्तर में वृद्धि हुई है. मधेपुर प्रखण्ड के कोसी दियारा इलाके के बसीपट्टी, गढ़गांव पंचायत के दर्जन भर गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. लोग घर खाली कर ऊंचे स्थानों पर नाव से जा रहे हैं. प्रशासन द्वारा ऊंचे स्थानों पर स्कूलों में आश्रय स्थल बनाया गया है, वहां लोग अपने परिवार के साथ पहुंच रहे हैं. लोगों का सारा सामान बर्बाद हो गया है. खाने-पीने का भी समान नहीं बचा है और पानी लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन ने आश्रय स्थल पर सामुदायिक किचेन की व्ययवस्था की है.
डीएम ने बताया कि कोसी बैराज से पानी छोड़ा गया है, जिससे मधेपुर प्रखण्ड के निचले इलाकों में पानी प्रवेश कर गया है. लोगों को घर खाली कर आश्रय स्थलों पर जाने के लिए अपील किया गया है. प्रशासन के द्वारा 25 नावों और दो मोटरबोट को लगाया गया है. एसडीआरएफ की दो टीमों को भी बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा गया है. प्रशासन और सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार इलाके में जाकर जायजा ले रहे हैं. कंट्रोल रूम का फोन नंबर और टोल फ्री नंबर जारी किया गया है ताकि परेशानी को लेकर लोग फोन कर सके और उन्हें त्वरित सुविधाएं मुहैया करायी जा सके.
मुजफ्फरपुर में बागमती नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है. ऐसे में लोगों के बीच दहशत का माहौल है. इसी दौरान एसडीओ पूर्वी अमित कुमार गायघाट पहुंचे, जहां प्रखंड पदाधिकारियों के साथ बागमती नदी का निरीक्षण किया. साथ ही बढ़ते जलस्तर का जायजा भी लिया. बागमती नदी के बढ़ते जलस्तर की वजह से मुजफ्फरपुर के औराई, कटरा और गायघाट में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है.
दरभंगा में कोसी व कमला बलान के जलस्तर में वृद्धि से दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी, किरतपुर, घनश्यामपुर व गौड़ाबौराम प्रखंड क्षेत्र के खेत खलिहान में तेजी से पानी फैल रहा है. कुशेश्वरस्थान पूर्वी अभी खेतों में लगी फसल सुरक्षित है. जलस्तर में वृद्धि जारी रही तो फसल डूबने की स्थिति हो जाएगी. किरतपुर प्रखंड क्षेत्र के चार पंचायत के एक दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. गौड़ाबौराम प्रखंड में रहिटोल जाने वाली सड़क पर कमला नदी का पानी चढ़ गया है. रहिटोल के चतरा गांव के लगभग पांच सौ घरों के लोगों का आवागमन बाधित हो गया है. अब नाव ही सहारा है.
#WATCH | Bihar: Water of river Kosi has engulfed many northeastern districts of the state; normal life affected by floods-like situations in Supaul. pic.twitter.com/cSwzylNlWQ
— ANI (@ANI) September 29, 2024
बराज पर घटा दबाव, तटबंध के भीतर कहर ढा रही कोसी
नेपाल में कोसी और अन्य नदियों के जल ग्रहण क्षेत्र में हुई भारी वर्षा के कारण उफनाई नदियों का जलस्तर सामान्य होने की ओर बढ़ रहा है. सुपौल जिला स्थित कोसी बराज पर जल प्रवाह घटाव की स्थिति में है. हालांकि, यहां अब भी सुबह 9:00 बजे तक 6.28 लाख और 10 बजे 6.12 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज दर्ज किया गया. कोसी बराज से करीब 50 मीटर दूर नेपाल स्थित वराह क्षेत्र में सुबह नौ बजे जलश्राव 2.90 लाख क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया है.
हिन्दुस्थान समाचार
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