इज़राइल के एक हवाई हमले में हिज़्बुल्लाह के लंबे समय से नेता हसन नसरल्लाह की मौत हो गई. नसरल्लाह ने तीन दशकों से अधिक समय तक हिजबुल्लाह का नेतृत्व किया था. हिजबुल्लाह , जो ईरान समर्थित मोर्चा है और लेबनान में अपने गहरे प्रभाव और इज़राइल के साथ हिंसक टकराव के लिए जाना जाता है. ऐसे में सारा ध्यान इजरायल के अगले संभावित लक्ष्य ईरान पर केंद्रित हो गया है.
इज़राइल की रणनीतिक दिशा का पहला स्पष्ट संकेत किसी और से नहीं बल्कि स्वयं प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से आया. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में नेतन्याहू ने कड़ा रुख अपनाया. युद्धविराम के आह्वान को खारिज कर दिया और लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ इजरायल के हमले को जारी रखने की कसम खाई. इज़रायली प्रधान मंत्री ने फ्रांस और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रस्तावित 21-दिवसीय संघर्ष विराम को खारिज कर दिया.
साथ ही नेतन्याहू ने ईरान को कड़ी चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा, ‘यदि आप हम पर हमला करेंगे, तो हम आप पर हमला करेंगे. उन्होंने कहा ईरान में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां इजरायल के लंबे हाथ नहीं पहुंच सकते.’ वहीं नसरल्लाह की मौत की खबर के बाद, ईरान ने कथित तौर पर अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को देश के भीतर अधिक सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया है.
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