हमारे देश में एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो विदेश में नौकरी करने के सपने देखता है और विदेशी जमीन पर जाकर वहां लग्जरी लाइफ जीना चाहता है. गांव- देहात, खेडो के लोग पैसो के लालच में आकर भी विदेश का रूख करते हैं. विदेश में उन्हें काफी मुनाफा भी होता है. लेकिन जरूरी नहीं कि हर बार सपने सच हो, कुछ बार सपने टूट भी जाते हैं. ऐसा ही हाल इस समय बना हुआ है. विभिन्न देशों में फंसे 30 हजार से ज्यादा भारतीय साइबर स्लेवरी का शिकार हुए हैं यानि कि उन्हें मजबूर किया जा रहा है कि वे दूसरों को साइबर फ्रॉड में फंसाए.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंदर आने वाले आप्रवासन ब्यूरो ने साइबर स्लेवरी से जुड़ा डेटा इकट्ठा किया है, जो जानकारी सामने आई है, वो हैरान कर देने वाली है. इस समय पंजाब के 3667, महाराष्ट्र के 3233, तमिलनाडु के 3124, यूपी के 2659, केरल के 2140, दिल्ली के 2068, गुजरात के 1928, कर्नाटक के 1200, तेलंगाना के 1169 और राजस्थान के 1041 भारतीय विदेशों में फंसे हुए हैं. आंकड़े यह भी बताते हैं कि वर्तमान में 20450 भारतीय थाइलैंड से वापस नहीं आ पाए हैं, वेतनाम से 6242, कंबोडिया से 2271 और म्यांमार से 503 भारतीयों को वतन वापसी का इंतजार है. आंकड़ों को अगर और ज्यादा गौर से देखा जाए तो 20 से 29 साल की उम्र वाले 8 हजार 777, 30 से 39 उम्र वाले 8 हजार 338, 40 से 49 उम्र वाले 4 हजार 819 भारतीय सबसे ज्यादा विदेशों में गए भी और वहां साइबर स्लेवरी का शिकार हुए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने अब इस मामले का संज्ञान लिया है, राज्य सरकारों से भी बात की गई है, जांच एजेंसियों को भी अलर्ट पर रखा गया है. हर कीमत पर इन भारतीयों को वापस लाने की तैयारी हो रही है.
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