Kolkata R.G. Kar Hospital Case: कोलताता में महिला डॉक्टर से की गई दरिंदगी और हत्या के मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई में सर्वोच्च अदालत में कहा गया कि ऐसे बहुत सारे सोशल मीडिया पोस्ट हैं, जिसमें पीड़िता की फोटो और नाम का खुलासा है. इस पर कोर्ट ने अपना आदेश दोहराते हुए कहा कि इस मामले में सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म को पीड़िता का नाम और फोटो शेयर करने की इजाजत नहीं है.
दरअसल, सुनवाई के दौरान वकील वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोलकाता रेप-मर्डर पीड़िता की तस्वीरें और और क्लिपों को सोशल मीडिया में बार-बार शेयर किया जा रहा है, जिससे पीड़िता के माता-पिता परेशान हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो इसे लेकर पहले ही आदेश पारित कर चुका है. अब आदेश को लागू करना एजेंसियों का काम है. कोर्ट का ये आदेश सभी प्लेटफॉर्म पर लागू होता है. मामले में अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी.
सर्वोच्च अदालत ने ये भी कहा कि मामले की चांच कर रही सीबीआई को केस में पुख्ता सबूत मिले हैं. रेप-हत्या और वित्तीय अनियमितताओं दोनों पहलुओं पर बयान दिए हैं. कोर्ट ने 17 सितंबर को कहा था कि वह रेप एंड मर्डर केस में सीबीआई द्वारा दाखिल रिपोर्ट में दिए गए निष्कर्षों से परेशान है. मगर, विवरण देने से इनकार करते हुए कोर्ट ने कहा कि किसी भी खुलासे से जांच खतरे में पड़ सकती है.
इससे पहले 22 अगस्त को रेप और हत्या की शिकार महिला डॉक्टर की अप्राकृतिक मौत का केस दर्ज करने में देरी पर राज्य की पुलिस को सुप्रीम कोर्ट को से फटकार लगी थी. कोर्ट ने इसे बेहद परेशान करने वाला कहा था. सर्वोच्च अदालत ने डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों की सुरक्षा के लिए प्रोटोकॉल तैयार करने को लेकर 10 सदस्यीय एनटीएफ का गठन भी किया था.
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