उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में चर्चित लव जिहाद मामले में बरेली के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी मोहम्मद आलिम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही उसपर एक लाख का जुर्माना लगाया है. वहीं आरोपी के पिता को भी दो साल जेल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने आलिम द्वारा पीड़िता से धर्मस्थल में की गई शादी को भी अवैध करार दिया है.
फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के जज रवि कुमार दिवाकर ने इस मामले की सुनवाई करत हुए लव जिहाद और अवैध धर्मांतरण को लेकर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि अवैध धर्मांतरण के जरिए पाकिस्तान-बांग्लादेश की तरह भारत को अस्थिर करने का षड्यंत्र चल रहा है और यह सब देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है. न्यायालय ने लव जिहाद व अवैध धर्मांतरण के पीछे विदेशी फंडिंग की आशंका भी जताई है.
कोर्ट ने आगे कहा, लव जिहाद समुदाय विशेष के पुरुषों द्वारा गैर समुदायों से जुड़ी महिलाओं को उनके धर्म में परिवर्तित करने के लिए प्रेम का ढोंग करके शादी करना है. लव जिहाद के माध्यम से अवैध धर्मांतरण, उस धर्म विशेष के कुछ अराजक तत्व करते-करवाते हैं.
क्या है मामला?
दरअसल, आरोपी मोहम्मद आलिम ने अपना नाम छुपाकर हिन्दू युवती को अपने जाल में फंसा लिया. उसने अपना नाम आनंद बताया और वो हाथ पर कलावा भी बांधता था. उसने युवती को प्यार का नाटक कर उसे शादी का झांसा देकर मंदिर में उसकी मांग में सिंदूर भर दिया और फिर दोस्त के कमरे पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया और उसकी अश्लील वीडियो बना ली. जिसके बाद आलिम ने उस युवती को ब्लैकमेल कर कई बार दुष्कर्म किया. जिसके बाद युवती गर्भवती हो गई.
आलिम के घर जाने पर उसके मुसलमान होने का पता लगा. आलिम के पिता साबिर, भाई वाजिद व नाजिम, बहन शिफा और उसकी मां ने गर्भपात कराकर उस पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया. विरोध पर पीड़िता को छात्रा पीटकर भगा दिया. हाफिजगंज के नर्सिंग होम में 11 मई 2023 को गर्भपात करा दिया.
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