ईरान के इजरायल पर हमले के बाद मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया. पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ईरानी हमले को उसकी गलती बताते हुए कहा कि उसे इसकी कीमत चुकानी होगी. नेतन्याहू के इस बयान को ईरान के लिए खुली चेतावनी माना जा रहा है. ईरान के ईरान के हमले के बाद मिडिल ईस्ट जंग की कगार पर खड़ा है. मिडिल ईस्ट में कुल 18 देश हैं. इनमें से 13 अरब दुनिया का हिस्सा माने जाते हैं. आइए आपको बताते हैं कि ईरान-इजरायल और लेबनान के युद्ध में इन देशों का क्या रूख है.
ईरान: ईरान पूरी तरह से लेबनान के समर्थन में है. हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह की मौत का बदला लेने के लिए ही मगंलवार को ईरान ने इजरायल पर हमला किया.
बहरीन: बहरीन का रुख सप्ष्ट नहीं है कि वो इस जंग में किसकी ओर खड़ा है. हालांकि इस देश की कुछ पार्टियां ईरान समर्थित बताई जाती है. इस देश ने 2020 से अपने संबध इजरायल से सुधार लिए थे.
इराक: ईराक फिलहाल इस जंग में किसी के साथ नहीं है. उनसे अपने आपको इस जंग से बाहर रखा हुआ है. ईरान से इस देश की दुश्मनी जग जाहिर है. हालांकि ईरान ने जब इजरायल पर हमला किया तो उसका जश्न यहां भी मना. ईरानी समर्थित संगठनों ने इस हमले का समर्थन किया है.
फिलिस्तीन: हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमला बोला था. उसके बाद से ही फिलिस्तीन और गाजा पट्टी में इजरायल के ठिकानों को टारगेट बना रहा है. लेबनानी संगठन हिजबुल्लाह इजरायल से हमास के समर्थन में ही युद्ध कर रहा है.
जॉर्डन: जॉर्डन ने भी इस जंग में किसी देश का समर्थन न करके खुद को जंग ने अलग कर लिया है. जॉर्डन के पीएम ने कहा कि वो नहीं चाहते कि उनका देश जंग का मैदान बन जाए. उन्होंने अपने एयर स्पेस को भी बंद कर दिया है.
कुवैत: कुवैत ने कहा कि उसने अमेरिका को उसके एयर स्पेस का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है. यूएन में नेतनयाहू के भाषण का भी बहिष्कार कुवैत कर चुका है.
लेबनान: इजराइल से सीधी जंग लड़ रहा है.
ओमान: ओमान की दोस्ती यूएस और ईरान दोनों से है. हालांकि वो इजरायल के विरोध में रहा है, लेकिन फिर भी वो शांति की अपील कर है.
कतर: इस देश ने भी कहा है कि यूएस उसका एयर स्पेस उपयोग नहीं कर सकता. हालांकि नसरल्लाह की मौत पर इस देश का कोई बयान सामने नहीं आया है.
सऊदी अरब: सऊदी अरब भी इस जंग से दूर है. उसने इजराइल की निंदा तो की, लेकिन अभी तक किसी के साथ खुलकर खड़ा दिखाई नहीं दे रहा है. यूएन में नेतन्याहू के भाषण का भी बहिष्कार किया था.
सीरिया: इजराइल का विरोध करता रहा है. युद्ध भी लड़ता रहा है. इजरायल ने सीरिया में भी अटैक्स किए हैं.
यूएई: इस देश ने भी नसरल्लाह की मौत पर खामोशी बरती हुई है. कुछ भी नहीं बोल रहा है. इस देश ने 2020 से अपने संबध इजराइल से ठीक कर लिए थे.
यूएई: नसरल्लाह की मौत पर खामोश है. कुछ भी नहीं बोल रहा है. इस देश ने 2020 से अपने संबध इजराइल से ठीक कर लिए थे.
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