नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव के ईशा फाउंडेशन की जांच के लिए मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने गुरुवार को यह आदेश दिया जिसके बाद ईशा फाउंडेशन को बड़ी राहत मिली है. इस मामले में अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होनी है.
मद्रास हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिया था कि वो ईशा फाउंडेशन के खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों का ब्योरा पेश करे. दरअसल, आज वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मामले को मेंशन करते हुए मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की. रोहतगी ने कहा कि ये धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे हैं. यह ईशा फाउंडेशन के बारे में बहुत जरूरी और गंभीर मामला है. सद्गुरु के लाखों अनुयायी हैं, उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट मौखिक बयानों पर ऐसी जांच शुरू नहीं कर सकता.
दरअसल यह पूरा मामला ईशा फाउंडेशन के खिलाफ रिटायर्ड प्रोफेसर एस कामराज की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर करके लाया गया था. उनका आरोप था कि उनकी बेटी लता और गीता को जबरन बंधक बनाकर रखा गया है और उनका पूरी तरह से ब्रेन वॉश कर दिया गया है. इस पर मद्रास हाईकोर्ट ने फाउंडेशन से जुड़े सभी अपराधिक जांचों को करने का आदेश दिया था, साथ ही रिपोर्ट पेश करने के लिए भी बोला था. इसी के अगले दिन लगभग 150 पुलिसकर्मी आश्रम में जांच करने के लिए पहुंच गये थे.
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