शाही स्नान और पेशवाई शब्द हटाया जाए, इसे लेकर सीएम योगी ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है. सीएम योगी ने कहा कि अखाड़ों की ओर से जो भी प्रस्ताव दिया जाएगा, सरकार की ओर से उसपर सार्थक कदम उठाया जाएगा. उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी की ओर से पहले ही नाम बदलने को लेकर अपना समर्थन जता चुके हैं.
उनकी ओर से परिषद की बैठक में यह प्रस्ताव लाने का वादा किया गया था. संत समाज के साथ, महापौर, सांसद, विधायक, सनातन धर्म के मर्मज्ञों ने भी सीएम योगी को पत्र भेजा था. इस पत्र के जरिये सीएम से उचित कार्रवाई करने की मांग की गई थी. परिषद की बैठक के दूसरे दिन शनिवार को अध्यक्ष श्रीमहंत रवीन्द्र पुरी ने कहा कि हमारा देश धर्म निरपेक्ष है. हमारे देश में संविधान सबसे ऊपर है. उसके कारण सभी लोगों को समान अधिकार मिले हुए हैं.
उन्होंने कहा कि इसके बाद भी विशेष वर्ग के लोगों को जाति और धर्म के नाम पर अतिरिक्त सुविधाएं दी जा रही हैं. ऐसे में देश भर में कॉमन सीविल कोड को लागू किया जाना चाहिए. अखाड़ों के संत प्रवचन, वैचारिक गोष्ठी, संवाद के जरिए माहौल बनाएंगे. उन्होंने लव जिहाद और हिंदुओं के धर्मांतरण को गंभीर मुद्दा बनाया और इस पर सख्त कानून बनाने की मांग की.
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