हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के बाद प्रदर्शन के बाद ये कहा जा रहा है क्या इन दोनों जगहों पर राहुल गांधी का की बातों का ओवरडोज कांग्रेस को ले डूबा. क्योंकि दोनों की राज्यों में राहुल गांधी की बातों का जोर नहीं चला.
हरियाणा और जम्मू में नहीं चला राहुल गांधी की बातों का जोर
राहुल गांधी की हरियाणा में इस पीएम मोदी से ज्यादा रैलियां हुईं. पर जाट बेल्ट तक में कांग्रेस की हालत खस्ता रही. इस चुनावों में कांग्रेस की लहर के बारे में कहा जा रहा था. लेकिन वो हरियाणा में तीसरी बार पूरे बहुमत पाने में सफल नहीं हुई. इसका मतलब है कि राहुल गांधी का करिष्मा काम नहीं आया. वहीं जम्मू में भी ये कांग्रेस की अब तक की सबसे बड़ी हार है. कांग्रेस जम्मू कश्मीर में 32 सीटों पर मैदान में उतरी.
जिनमें से 10 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया. जम्मू में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली. जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस को कुल 42 सीटें जीतीं. जिसमें कुछ सीटें उसने जम्मू में हिंदू कैंडिडेट खडा़ कर भी जीत लिया है. वहीं कांग्रेस का जम्मू से सफाया हो चुका है. जाहिर है कि हरियाणा और जम्मू में कांग्रेस की हार के बाद बीजेपी राहुल गांधी के भाषणों और मुद्दों को निशाना बनाएगी.
हरियाणा में जाति जनगणना का मुद्दा क्या उल्टा पड़ा
हरियाणा में कांग्रेस का जाति जनगणना का कार्ड भी बेअसर रहा. हरियाणा में ओबीसी मतदाता पूरी ईमानदारी से बीजेपी के साथ रहे. विनेश फोगाट से सामने बीजेपी का औबीसी कैंडिडेट केवल 6 हजार मतो से हारा. इससे साफ है कि नेश को पिछड़ी जातियों के वोट नहीं मिले. मतलब साफ है कि राहुल गांधी के सामाजिक न्याय की बातें हरियाणा की जनता को हजम नहीं कर पाई.
संविधान बचाओ-आरक्षण बचाओ नारे की हवा निकली
हरियाणा में जिस तरह से बीजेपी या अन्य को दलितों का वोट मिला. उसे देखकर ये नहीं कहा जा सकता कि अब संविधान बचाओ-आरक्षण बचाओ का मुद्दा रह गया है. हो सकता है कि दलितों का वोट बीजेपी को नहीं मिला हो. पर यह भी तय है कि कम से कम कांग्रेस को नहीं मिला.
अडानी और अंबानी के खिलाफ एजेंडा
राहुल गांधी के भाषणों में अडानी और अंबानी जिक्र रहता है. हरियाणा में चुनाव के दौरान उन्होंने कि अंबानी के घर शादी में मोदी गए थे, पर मैं नहीं गया था. लेकिन इन बातों से वो करते हैं कि पीएम मोदी जो भी करते हैं वो अपने दोस्तों अडानी और अंबानी के लिए करते हैं. लेकिन नतीजे देखकर लगता है कि अडानी-अंबानी की बातें लोगों को अब ओवरडोज हो रही हैं.
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