नई दिल्ली: हमेशा से चीन के लिए किरकिरी बना क्वाड देशों का बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास मालाबार बुधवार से विशाखापट्टनम में शुरू हो गया है. पूर्वी नौसेना कमान की मेजबानी में उद्घाटन समारोह भारतीय नौसेना जहाज सतपुड़ा पर हुआ. समुद्री अभ्यास का 28वां संस्करण 18 अक्टूबर तक चलेगा. इसमें भारत के अलावा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की नौसेनाएं महत्वपूर्ण समुद्री जुड़ाव के रूप में हिस्सा लेंगी.
मालाबार अभ्यास 1992 में भारत और अमेरिका के बीच शुरू किया गया था, जिसमें बाद में जापान और ऑस्ट्रेलिया भी शामिल हो गए. पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने समारोह में भाग लेने वाले देशों के वरिष्ठ नौसैनिक और सैन्य गण्यमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया. इनमें जापान के चीफ ऑफ स्टाफ, ज्वाइंट स्टाफ जनरल योशीहिदे योशिदा, अमेरिकी प्रशांत बेड़े के कमांडर एडमिरल स्टीफन कोहलर, जापान सेल्फ डिफेंस फ्लीट के कमांडर-इन-सी वाइस एडमिरल कात्सुशी ओमाची और ऑस्ट्रेलियाई बेड़े के कमांडर रियर एडमिरल क्रिस स्मिथ शामिल थे.
समारोह में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के भाग लेने वाले जहाजों, विमानों और विशेष बलों के चालक दल और कर्मचारी भी मौजूद थे. भाग लेने वाली सभी नौसेनाओं के कमांडरों ने आम समुद्री चुनौतियों का समाधान करने और सहकारी ढांचा बनाने के लिए समझ, सहयोग और जुड़ाव बढ़ाने में पूर्व मालाबार के महत्व को स्वीकार किया. यह अभ्यास बंदरगाह और समुद्र दोनों जगह दो अलग-अलग चरणों में आयोजित किया जाएगा. इसके अलावा लाइव हथियार फायरिंग, जटिल सतह, वायु और पनडुब्बी रोधी युद्ध अभ्यास और संयुक्त युद्धाभ्यास देखने को मिलेंगे.
इस हाई वोल्टेज इवेंट में विध्वंसक, फ्रिगेट, कोरवेट और बेड़े के सहायक जहाजों के साथ-साथ लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान, जेट विमान, इंटीग्रल हेलीकॉप्टर और पनडुब्बी संपत्तियां भाग लेंगी. यह अभ्यास समान विचारधारा वाले देशों को एक साथ लाता है, ताकि साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण तालमेल स्थापित करने की दिशा में संयुक्त रूप से प्रशिक्षण और संचालन करने की क्षमता को और बढ़ाया जा सके. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में होने वाली मालाबार एक्सरसाइज एक साल जापान में होती है तो एक साल भारत में और एक साल प्रशांत महासागर में किसी अमेरिकी नौसैनिक बेस के करीब. नौसैनिक अभ्यास का पिछला संस्करण ऑस्ट्रेलिया की मेजबानी में हुआ था.
हिन्दुस्थान समाचार
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