नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने आज वियनतियाने, लाओस में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के मौके पर मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी. प्रधानमंत्री ने अपने समकक्ष लक्सन को पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तारीखों पर भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.
Had an excellent meeting with the Prime Minister of New Zealand, Mr. Christopher Luxon. We value our friendship with New Zealand, bound together by a commitment to democracy, freedom and rule of law. Our talks covered sectors such as economic cooperation, tourism, education and… pic.twitter.com/0P2yi4qLlg
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
दोनों प्रधानमंत्रियों ने व्यापार और निवेश, रक्षा और सुरक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, डेयरी, कृषि तकनीक, खेल, पर्यटन, अंतरिक्ष और लोगों से लोगों के संबंधों सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि लगातार उच्च स्तरीय संपर्कों ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत गति प्रदान की है. इस संदर्भ में, उन्होंने भारत के राष्ट्रपति की हालिया न्यूजीलैंड यात्रा को याद किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के न्यूजीलैंड के फैसले का स्वागत किया. प्रधानमंत्रियों ने बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और भारत-न्यूजीलैंड संबंधों को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
जापान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री से PM मोदी ने की द्विपक्षीय बैठक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जापान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से आज लाओस में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के मौके पर द्विपक्षीय बैठक की.
Had a very productive meeting with PM Ishiba. I’m happy to have met him just a few days after he became Japan’s PM. Our talks included ways to enhance cooperation in infrastructure, connectivity, defence and more. Boosting cultural linkages was also discussed. pic.twitter.com/U8EYC3Q7za
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार उन्होंने प्रधानमंत्री इशिबा को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी और जापान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में उनकी सफलता की कामना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक विश्वसनीय मित्र और रणनीतिक साझेदार जापान के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देना जारी रखेगा.
दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश, बुनियादी ढांचे के विकास, रक्षा और सुरक्षा, अर्धचालक, कौशल, संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित व्यापक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.
दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और जापान शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपरिहार्य भागीदार हैं और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. दोनों नेता अगले भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए उत्सुक हैं.
हिन्दुस्थान समाचार
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