नई दिल्ली: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने दो दिवसीय दौरे पर सिक्किम में हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को दार्जिलिंग के सुकना कैंट से सेना कमांडरों के सम्मेलन में वर्चुअल रूप से भाग लिया. बता दें राजनाथ सिंह सेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए राजधानी गंगटोक जा रहे थे. मगर खराब मौसम के कारण उनकी उड़ान सिलीगुड़ी लौट आई. इसके बाद रक्षा मंत्री ने दार्जिलिंग के सुकना कैंट से वर्चुअली सेना कमांडरों को संबोधित किया.
#WATCH | Darjeeling, West Bengal | Defence Minister Rajnath Singh attends and addresses the Army Commanders’ Conference via videoconference at Sukna Cantt pic.twitter.com/uZVF7YH3rx
— ANI (@ANI) October 11, 2024
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना के कमांडरों से साफ तौर पर कहा कि भविष्य में युद्ध के अलग-अलग स्वरूप होंगे और यह बात दुनिया के विभिन्न हिस्सों में जारी सैन्य संघर्षों से भी स्पष्ट है. इसके लिए सशस्त्र बलों को रणनीति और योजना बनाते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए. रक्षा मंत्री राजनाथ सिहं ने कहा, हमें वैश्विक घटनाओं, वर्तमान और अतीत में हुई घटनाओं से सीख लेते रहना चाहिए, ताकि नुकसान को रोका जा सके. हमारे लिए जरूरी है कि हम सतर्क रहें, नियमित रूप से आधुनिकीकरण करें और विभिन्न आकस्मिक स्थितियों से निपटने के लिए लगातार तैयार रहें.
सिक्किम के गंगटोक में एक अग्रिम स्थान पर सैन्य कमांडरों के साथ रक्षा मंत्री ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं और भीतरी इलाकों में स्थिति और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के समक्ष चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया. सेना कमांडरों का यह सम्मेलन 10 अक्टूबर को हाइब्रिड प्रारूप में शुरू हुआ था. अग्रिम सैन्य स्थान पर वरिष्ठ कमांडरों के सम्मेलन का आयोजन जमीनी स्तर की वास्तविकताओं पर भारतीय सेना के ध्यान केंद्रित करने को रेखांकित करता है. सम्मेलन में सैन्य संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है.
कमांडरों के साथ ‘क्षेत्र में सुरक्षा गतिशीलता चुनौतियां और इससे निपटने के उपायों’ पर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना में पूरे देश के विश्वास को दोहराया और कहा कि यह देश के सबसे भरोसेमंद और प्रेरणादायक संगठनों में से एक है. उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के अलावा किसी भी समय नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने में सेना की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला.
BRO के प्रयासों की सराहना की
रक्षा मंत्री ने देश की उत्तरी सीमा की मौजूदा स्थिति पर किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सेना पर पूरा भरोसा जताया लेकिन यह भी कहा कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत सभी स्तरों पर जारी रहेगी. रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रयासों की सराहना की, जिसके कठिन परिस्थितियों में काम करते रहने से पश्चिमी और उत्तरी सीमा पर सड़क संचार में जबरदस्त सुधार हुआ है और यह सुधार जारी रहना चाहिए. राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सीमा पार के आतंकवाद से निपटने में भारतीय सेना की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि शत्रु की ओर से अभी भी छद्म युद्ध जारी है. उन्होंने आतंकवाद के खतरे से निपटने में सीएपीएफ, पुलिस बलों और सेना के बीच बेहतर तालमेल को भी सराहा.
सेना के आधुनिकीकरण के लिए सरकार प्रतिबद्ध- रक्षा मंत्री
उन्होंने अपने भाषण का समापन यह कहते हुए किया कि रक्षा कूटनीति, स्वदेशीकरण, सूचना युद्ध, रक्षा अवसंरचना और सेना आधुनिकीकरण से संबंधित मुद्दों पर हमेशा ऐसे मंच पर विचार किया जाना चाहिए. युद्ध की तैयारी एक सतत प्रक्रिया होनी चाहिए और हमें उन अप्रत्याशित स्थितियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए, जो कभी भी आ सकती हैं. हमें हमेशा अपने युद्ध कौशल और हथियार प्रौद्योगिकी को मजबूत करना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर हम प्रभावी रूप से काम कर सकें. राष्ट्र को अपनी सेना पर गर्व है और सरकार सुधारों एवं क्षमता आधुनिकीकरण के साथ सेना को आगे बढ़ाने में सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है.
हिन्दुस्थान समाचार
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