Dussehra 2024: आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की स्थापना नागपुर में साल 1925 में विजयादशमी के दिन ही की गई थी. आरएसएस की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी. हर साल विजयादशमी के दिन ही आरएसएस अपना स्थापना दिवस मनाता है. इसी वजह से कहा जाता है कि आरएसएस और विजयादशमी का गहरा रिश्ता है. विजयादशमी को संघ शक्ति और संगठन के प्रतीक के रूप में देखता है.
इस दिन, संघ के स्वयंसेवकों की ओर से ‘पथ संचलन’ किया जाता है और अलग-अलग कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. विजयादशमी पर सरसंघचालक (RSS प्रमुख) वार्षिक संबोधन देते हैं. इस दौरान वो संघ की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताते हैं. यह दिन संगठन के लिए नई ऊर्जा और दिशा तय करने का अवसर भी होता है. संघ की विचारधारा के अनुसार, विजयादशमी नैतिक और सांस्कृतिक शक्ति का प्रतीक है. ये राष्ट्र निर्माण में योगदान की प्रेरणा देता है.
विजयादशमी दशहरा के रूप में भी जानी जाती है. ये बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है. इस दिन, देवी दुर्गा की पूजा के बाद, शस्त्र पूजा की जाती है, जिसकी विशेष अहमियत होती है. शस्त्र पूजा का अर्थ अपने हथियारों, जैसे तलवार, ढाल, और अन्य अस्त्रों की शुद्धि और उन्हें शक्तिशाली बनाने से है. विजयादशमी पर होने वाली शस्त्र पूजा समाज में सकारात्मकता और शक्ति के संचार का संदेश देता है.
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