गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के डासना देवी मंदिर पर समुदाय विशेष के लोगों द्वारा किए गए पथराव के विरोध में हिंदू संगठनों की महापंचायत की अनुमति न मिलने के बावजूद मंदिर में प्रवेश करने वाले लोगों को पुलिस ने लाठियां भांजी और खदेड़ दिया.
डासना देवी मंदिर परिसर में महापंचायत में रविवार सुबह से ही लोग पहुंचने शुरू हो गए थे. पुलिस ने उनको मंदिर जाने से पहले ही रोक दिया. बड़ी संख्या में लोग वापस चले गए. हालांकि कुछ लोगों ने महापंचायत में आने की जिद की तो पुलिस ने उनको हिरासत में ले लिया. अनेक लोगों को पुलिस ने लाठियां भांजकर खदेड़ दिया.
प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के अलावा बड़ी संख्या में उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली से भी संत पंचायत में पहुंचे थे. एक दिन पहले ही 50 से ज्यादा संतों का जत्था मंदिर में पहुंच गया था. जैसे ही संतों को पता चला कि महापंचायत में लोगों को आने से पुलिस रोक रही है तो संतों ने एलान किया कि पुलिस जहां रोके वहीं पर पंचायत शुरू कर दी जाए. पुलिस उपायुक्त ग्रामीण सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. किसी को कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा.
दूसरों ओर महापंचायत में जाने के लिए जब सैकड़ों लोग एकत्र हो गए तो उन्होंने बैरिकेड को ही पलट दिया. पुलिस और लोग आमने-सामने आ गए. हाथापाई की नौबत आ गई. पुलिस ने लाठियां फटकारी और किसी तरह लोगों को काबू किया. इस दौरान भगदड़ जैसा माहौल पैदा हो गया. बड़ी तादाद में लोग इसके बाद लौट गए. महापंचायत में आने वाले लोगों ने अपने वाहन सड़क किनारे बेतरतीब खड़े कर दिए, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग 9 पर जाम लग गया.
उल्लेखनीय है कि डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के विवादास्पद बयान के बाद एक समुदाय विशेष के लोगों ने मंदिर पर पथराव कर दिया था. हिंदू संगठनों ने अपनी एकजुटता का संदेश देने के लिए महापंचायत बुलायी थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी.
हिन्दुस्थान समाचार
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