पाकिस्तान में आज से शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट की शुरुआत हो रही है. भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इस समिट में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंच चुके हैं.जहां पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों ने नूर खान एयरबेस पर उनका स्वागत किया. खबर है कि डॉ. जयशंकर यहां 24 घंटे से भी कम समय रूकेंगे. वहीं भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा आयोजित दावत में शामिल हुए. इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आगे बढ़कर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से हाथ मिलाया.
#WATCH | Islamabad: Pakistan PM Shehbaz Sharif welcomes EAM Dr S Jaishankar and other SCO Council Heads of Government, to a dinner hosted by him.
EAM is in Pakistan to participate in the 23rd Meeting of SCO Council of Heads of Government.
(Video: ANI; visuals earlier this… pic.twitter.com/dNA5N3hsQ0
— ANI (@ANI) October 15, 2024
#WATCH | EAM Dr S Jaishankar arrived in Rawalpindi, Pakistan this evening for the 23rd Meeting of SCO Council of Heads of Government.
(Video: ANI; visuals earlier this evening) pic.twitter.com/7fqaGUSe0k
— ANI (@ANI) October 15, 2024
दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के शीर्ष नेता शामिल हुए हैं. राजधानी इस्लामाबाद में कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. सुरक्षा के मद्देनजर इस्लामाबाद और पड़ोसी शहर रावलपिंडी में प्रमुख मार्ग और व्यवसाय बंद कर दिए गए हैं.
विदेश मंत्री जयशंकर, इस्लामाबाद में होने जा रही शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शिरकत करेंगे. अगस्त के महीने में पाकिस्तानी पीएम की ओर से इस बैठक के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को न्योता दिया गया था. उल्लेखनीय है कि लगभग नौ साल बाद कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर है. विदेश मंत्री का दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कुछ खास मधुरता नहीं है. हाल ही में एक कार्यक्रम में जयशंकर ने कहा था, ‘किसी भी पड़ोसी की तरह भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा. लेकिन सीमा पार आतंकवाद जारी रहने पर ऐसा नहीं हो सकता.’
15 और 16 अक्टूबर को होने वाली एससीओ समिट में शामिल होने वाले जयशंकर वहां 24 घंटे भी कम रहेंगे. इससे पहले सुषमा स्वराज ने साल 2015 में पाकिस्तान का दौरा किया था. सुषमा स्वराज इस्लामाबाद में अफगानिस्तान पर हुई कॉन्फ्रेंस में शामिल होने गई थीं.
बता दें कि फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से की गई एयरस्ट्राइक के बाद दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आ गया. इसके बाद जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाया तो दोनों देशों के रिश्तें और भी खराब हो गए.
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