नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में 2,642 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ वाराणसी-पंडित दीनदयाल उपाध्याय मल्टी-ट्रैकिंग रेल परियोजना के निर्माण को मंजूरी दे दी गई. इस परियोजना में गंगा नदी पर एक नया रेल-सह-सड़क पुल भी शामिल है.
One of the world's biggest bridges in transport & traffic capacity will be constructed over Ganga Ji
One bridge with
🛤️ 4 – railway lines
🛣️ 6 lane roadTotal Cost: ₹2,642 Cr pic.twitter.com/chsZP9Yb5I
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 16, 2024
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मालवीय पुल 137 साल पुराना है. अब एक नया पुल बनाने का निर्णय लिया गया है जिसमें निचले डेक पर 4 रेलवे लाइनें और ऊपरी डेक पर 6-लेन राजमार्ग होगा. यातायात क्षमता के मामले में यह दुनिया के सबसे बड़े पुलों में गिना जाएगा. यह पुल वाराणसी में 2 हजार 642 करोड रुपये की लागत से चार साल में बनकर तैयार होगा. सेतु को अगले डेढ़ सौ सालों को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है.
प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना परिचालन को आसान बनाएगी और भीड़भाड़ को कम करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्ततम खंडों पर आवश्यक बुनियादी ढांचागत विकास होगा. यह परियोजना उत्तर प्रदेश के वाराणसी और चंदौली जिलों से होकर गुजरती है. यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत के विजन के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगी. इससे उनके रोजगार अथवा स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे. परियोजना निर्माण के दौरान लगभग 10 लाख मानव-दिनों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार भी पैदा करेगी. यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा. उत्तर प्रदेश के 2 जिलों को कवर करने वाली यह परियोजना भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 30 किलोमीटर तक बढ़ाएगी.
हिन्दुस्थान समाचार
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